उत्तराखंड

बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा में शटरिंग पलटने के मामले में डीएम ने लिया त्वरित एक्शन..

बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा में शटरिंग पलटने के मामले में डीएम ने लिया त्वरित एक्शन..

प्रोजेक्ट मैनेजर और सहायक अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भेजा जेल..

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा के समीप निर्माणाधीन पुल की शटरिंग गिरने के मामले में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की ओर से त्वरित एक्शन लिया गया। मामले में आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए, जबकि उच्च स्तरीय जांच के लिए प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र प्रेषित कर विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की संस्तुति की है।

बता दें कि बीते बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा के समीप निर्माणाधीन पुल की शटरिंग पलटने से दस मजदूर दब गये थे। घटना में मौके पर दो मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि एक मजदूर की मौत ऋषिकेश एम्स में इलाज के दौरान हुई है। इसके अलावा सात मजदूरों का इलाज चल रहा है। पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि निर्माणाधीन पुल के क्षतिग्रस्त होने पर प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर गढ़वाल के विभागीय अभियंता, पर्यवेक्षण सलाहकार एवं संबंधित कार्यदायी संस्था आरसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर एवं ब्रिज इंजीनियर की लापरवाही के कारण हुई है, जिसके दृष्टिगत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने संबंधित के विरुद्ध एफआरआई दर्ज करवाने के निर्देश दिए और संबंधित प्रकरण में कोतवाली रुद्रप्रयाग में मुकदमा अपराध संख्या 27/2022 धारा 304, 120 बी, 323, 325 आईपीसी बनाम जेपी शर्मा आदि पंजीकृत किया गया।

अभियोग से संबंधित अभियुक्त गण ज्योति प्रकाश शर्मा पुत्र हंसराज शर्मा निवासी हिमांचल प्रदेश हाल पता प्रोजेक्ट मैनेजर आरसीसी कंपनी नरकोटा तथा सहायक अभियंता मुकेश गुप्ता पुत्र चंद्रसेन गुप्ता निवासी विकास नगर देहरादून हाल पता- ब्रिज इंजीनियर आरसीसी कंपनी नरकोटा को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उन्होंने बताया कि अभी विवेचना प्रचलित है और आगे जिस तरह से तथ्य और साक्ष्य सामने आएंगे उसके अनरूप कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि निर्माणाधीन पुल के शटरिंग गिरने की घटना के बाद मामले में त्वरित कार्यवाही अमल में लाई गई। आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और सहायक अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया है, जबकि उच्च स्तरीय जांच के लिए प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र प्रेषित किया है और विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की संस्तुति की है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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