विधायक चौधरी ने बढ़ाए क्षय रोगियों की मदद को हाथ..
सामुदायिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगी के पोषण व अन्य जरूरत में होगी आर्थिक मदद..
रुद्रप्रयाग विधायक ने डोनर के रूप में कराया पंजीकरण..
क्षय रोगियों की मदद को जनसंगठनों को जोड़ने पर जोर
क्षय रोग की अत्याधुनिक जांच व उपचार सेवा निःशुल्क उपलब्ध
रुद्रप्रयाग। क्षय रोगियों के लिए बेहतर पोषण व जरूरी सहायता के लिए स्वास्थ्य विभाग की मुहिम रंग लाने लगी है। रुद्रप्रयाग विधायक सहित तीन लोगों ने सामुदायिक सहायता कार्यक्रम के तहत अपने क्षेत्र के टीबी रोगियों की पोषण व अन्य जरूरतों की मदद के लिए आर्थिक सहायता की हामी भरते हुए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नि-क्षय पोर्टल पर नि-क्षय मित्र (डोनर) के रूप में पंजीकरण कराया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग को खत्म करने के लिए जनसहभागिता बढ़ाने के लिए सामुदायिक सहायता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत टीबी रोगियों को जरूरी सहायता, बेहतर पोषण को लेकर जनसमुदाय व जनसंगठनों से लगातार मदद की अपील की जा रही है।
बताया कि इसके अंतर्गत जनपद में विधायक भरत सिंह चैधरी सहित तीन व्यक्तियों ने आर्थिक मदद के लिए हामी भरते हुए नि-क्षय मित्र (डोनर) के रूप में पंजीकरण कराया है। बताया कि सामुदायिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में टीबी रोगियों से मदद की आवश्यकता के लिए सहमति प्राप्त की जा रही है, जिसमें जनपद में पंजीकृत कुल 265 क्षय रोगियों के सापेक्ष 81 फीसद ने सहमति व्यक्त की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला ने बताया कि जनपद में क्षय रोग जांच व उपचार की अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध हैं। क्षय रोग जांच के लिए जिला क्षय नियंत्रण केंद्र रुद्रप्रयाग में सीवी नॉट तथा स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, जखोली व ऊखीमठ में एक-एक ट्रूनॉट मशीन उपलब्ध है, जिससे क्षय रोग की पुष्टि होने पर संबंधित का तत्काल यथोचित उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीवी रोगियों की खोज के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।
जिसमें जिला कार्यक्रम समन्वयक, ट्रीटमेंट सुपरवाइजरों द्वारा टीबी जनजागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता को बढाने को लेकर एडवोकेसी, कम्युनिकेशन एंड सोशल मोबलाइजेशन (एसीएसएम) के अंतर्गत समुदाय स्तर पर संवेदीकरण, समन्वय व जागरूकता गतिविधियां की जा रही हैं। साथ ही जनपद के समस्त निजी व सरकारी चिकित्सालय व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में चिकित्सकों व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है व टीबी रोग होने की आशंका पर उन्हें जांच के लिए बलगम जांच केंद्र पर भेजा जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नि-क्षय पोषण योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमें पंजीकृत टीबी रोगी को नियमिति रूप से दवाई खाने पर प्रत्येक माह पोषाहार भत्ता के रूप में उपचार अवधि तक पांच सौ रूपए दिया जाता है। साथ ही क्षय रोगी को दवा खिलाने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी एक हजार एवं पांच हजार रूपए दिया जाता है।