केदारनाथ यात्रा के दौरान Aryan Heli Aviation के एक और हेलिकॉप्टर हादसे ने एक बार फिर से हेली सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार सुबह (11 जून 2025) को रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में हुआ यह दर्दनाक हादसा कंपनी की तीन साल में दूसरी बड़ी दुर्घटना है। हेलिकॉप्टर में सवार पायलट सहित सभी यात्रियों की मौत हो गई। मृतकों में एक दो वर्षीय मासूम बच्ची भी शामिल थी।
हादसे का समय और कारण
घटना सुबह करीब 5:30 बजे की है, जब हेलिकॉप्टर केदारनाथ से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर चुका था। नोडल अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार, उड़ान के दौरान क्षेत्र में घना कोहरा और बेहद कम दृश्यता (विजिबिलिटी लगभग शून्य) थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया और उसमें भीषण आग लग गई।
पायलट थे सेना से रिटायर्ड अधिकारी
हादसे में जान गंवाने वाले पायलट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान थे। इससे पहले, वर्ष 2018 में इसी कंपनी की उड़ान में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिंह की भी हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हुई थी। संयोग से, वह उनकी आखिरी ड्यूटी थी और वह उसी दिन रिटायर होकर घर लौटने वाले थे।
Aryan Heli पर पहले भी लग चुके हैं सवाल
गौर करने योग्य बात यह है कि 18 अक्टूबर 2022 को भी Aryan Heli Aviation का एक हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय गरुड़चट्टी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस हादसे में भी पायलट सहित सात लोगों की मृत्यु हुई थी। ऐसे में तीन साल में यह तीसरी बड़ी दुर्घटना कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और हेली सेवाओं की समीक्षा व नियंत्रण के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब हेली सेवाओं के लिए एक सख्त SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाया जाएगा, जिसमें हर उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी और हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच को अनिवार्य किया जाएगा।
बचाव और राहत कार्य
NDRF व SDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए अगले आदेश तक केदारनाथ घाटी में सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
