अंगद ने तोड़ा रावण का घमंड, मुकुट लेकर राम के पास पहुंचा..
दसवें दिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने किया शुभारंभ…
रुद्रप्रयाग। अगस्त्य रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के दसवें दिन अंगद रावण संवाद का मंचन किया गया, जिसमें बालिपुत्र अंगद ने रावण के घमंड को चूर कर श्रीराम सेना की ताकत की झलक दिखलाई। दसवें दिन का शुभारम्भ जिपं उपाध्यक्ष सुमन्त तिवाड़ी ने श्रीराम की आरती के साथ किया। उनके साथ कीर्तन मण्डली अगस्त्यमुनि की अध्यक्षा श्रीमती शाकम्बरी खत्री एवं कीर्तन मण्डली बनियाड़ी की अध्यक्षा रेखा बत्र्वाल भी रही।
दसवें दिन रामलीला समिति द्वारा अंगद राण संवाद का मंचन करते हुए दिखाया कि किस प्रकार बालिपुत्र अंगद ने रामदूत बनकर रावण के दरबार में आया और रावण को समझाते हुए कहा कि अब भी समय है मान जाओ। माता सीता को सकुशल आदर के साथ श्रीराम को सौंप दो। प्रभु श्रीराम उसे क्षमा कर देंगे, मगर दम्भी रावण इसे केवल वानर भभकी करार देते हुए अंगद को दंड देने की आज्ञा देता है। वहीं बालिपुत्र अंगद रावण को बार-बार समझाता है कि उसे अभी श्रीराम की ताकत का अंदाजा नहीं है। वैसे एक वानर हनुमान अपनी ताकत का नमूना लंका में दिखा चुका है।
ऐसे ही हजारों वानर श्रीराम की सेना में मौजूद हैं, मगर रावण इसे अपना अपमान समझता है और अंगद को दण्ड देने की आज्ञा देता है। तभी अंगद रावण दरबार में गर्जना के साथ ललकार कर कहता है कि यदि इस सभा में कोई उसका पैर जमीन से उठा दे तो वह हार मान लेगा। इतना सुनते ही रावण दरबार में मौजूद सूरमा एक के बाद एक आते हैं और अंगद का पैर उठाने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल हो जाते हैं। अन्त में स्वयं लंकापति रावण अंगद का पैर उठाने आता है। जैसे ही वह झुककर अंगद का पैर उठाने लगता है, अंगद अपना पैर उठाते हुए कहता है कि उसे मेरे पैरों में न झुक कर श्रीराम के पैरों में झुकना चाहिए और लंकापति रावण का मुकुट लेकर वहां से श्रीराम के पास वापस आ जाता है।
इस पूरे मंचन में दलीप रावत ने रावण तथा बाग सिंह ने अंगद की भूमिका में जान फूंक दी। उनके सजीव अभिनय से भारी संख्या में मौजूद दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं तथा देर रात्रि तक रामलीला मंचन को देखते रहे। श्रीराम की भूमिका में महेन्द्र, लक्ष्मण की भूमिका में कालू तथा हनुमान की भूमिका में सुशील गोस्वामी ने अपने अभिनय से दर्शकों को खूब तालियां बजाने पर मजबूर किया। रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि शनिवार को लक्ष्मण शक्ति का मंचन किया जायेगा। तथा रविवार को रावण वध एवं सोमवार को श्रीराम का राजतिलक के साथ रामलीला का समापन होगा।