योगमाया का स्वरूप हैं मां हरियाली देवी
रुद्रप्रयाग। पट्टी बच्छणस्यूं के ग्राम दानकोट में 26 वर्ष बाद मां हरियाली देवी भागवत महापुराण कथा एवं महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 18 मार्च से शुरू होगा, जिसका समापन 26 मार्च को भंडारे के साथ किया जायेगा। चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मां हरियाली देवी जसोली से पैदल प्रस्थान कर प्रातः पांच बजे कोदिमा, भैंसवाड़ा, संकरोड़ी, बरसूड़ी, चिड़पी, सिल्सर, महड़, बैरागणा से होते हुए अपने मायके दानकोट पहुंचेगी, जिसके बाद मां हरियाली नौ दिनों तक यहीं पर प्रवास करेगी। नवरात्रों के पावन पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां भगवती के दर्शन करने को पहुंचेंगे।
मां हरियाली देवी महायज्ञ समिति के अध्यक्ष पूरण सिंह ने बताया कि सिद्ध त्रिपुरबाला संुदरी मां हरियाली देवी का विशेष महत्व है। द्वापर युग में जब कंस ने अपनी बहिन देवकी के आठों पुत्रों को मारने का संकल्प लिया था, तब देवकी के आठवें पुत्र का जन्म होते ही वसुदेव ने आठवें पुत्र को गोकुल में नंद-यशोदा के पास रखकर वहां से उनकी नवजात कन्या को लेकर वापस आये थे, तब जैसे ही कंस देवकी के आठवें पुत्र को मारने के लिए धरती पर पटकने लगा तब वही बालिका योगमाया स्वरूप हाथ से छूटकर आकाश मार्ग से होकर हरि नामक पर्वत पर अवस्थित हो गई। हरि पर्वत पर निवास करने वाली योगमाया हरियाली के नाम से विख्यात हो गई है। ग्राम दानकोट में मां हरियाली देवी का 26 वर्ष बाद महायज्ञ किया जा रहा है। विशेष परम्परा के अनुसार मां हरियाली देवी के महायज्ञ प्रारम्भ होने से सात दिन तक मांस, मदिरा, प्याज, लहसून का सेवन वर्जित किया जाता है। समिति के अध्यक्ष पूरण सिंह ने सभी भक्तों से महायज्ञ में पहुंचकर पुण्य अर्जित करने का आह्वान किया।
इधर, तीर्थ पुरोहित समाज श्री केदार सभा की ओर से 18 मार्च से चार अप्रैल तक 18 दिवसीय लक्ष्य यज्ञ का महा आयोजन किया जा रहा है। जानकारी देते हुए श्री दुर्गा मंदिर कमेटी फेगू के महामंत्री पुरूषोत्तम तिवारी ने बताया कि आठ गांव फेूग, बरम्वाड़ी, नागजगई, तिनसोली, बष्टी, डमार, टेमरिया, वल्ला-पल्ला मंदिर समिति फेगू के सानिध्य में मां दुर्गा मंदिर फेगू में 18 दिवसीय लक्ष्य यज्ञ का महा आयोजन किया जा रहा है। तीन अप्रैल को कार्यक्रम के तहत प्रातः आठ बजे जल कलश यात्रा का आयोजन किया जायेगा।