महिलाओं को जागरूक करने और कानूनी सहायता के लिये कार्यशाला का आयोजन
रुद्रप्रयाग। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं को जागरूक करने तथा उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ब्लाॅक सभागार अगस्त्यमुनि में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर/कार्यशाला में पहले दिन विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने घरेलू हिंसा के प्रकार, उससे सम्बन्धित शिकायत कहां करें, तथा क्या कानूनी सलाह मिल सकती है, इसके सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए महिलाओं की आशंकाओं का निवारण किया। निर्भया प्रकोष्ठ की अनीता रावत ने बताया कि घरेलू हिंसा मानव अधिकारों का हनन है। इस अत्याचार को रोकना हम सबका कर्तव्य है। एडवोकेट प्यारसिंह नेगी ने शारीरिक हिंसा, मौखिक एवं भावनात्मक हिंसा, यौनिक हिंसा, आर्थिक हिंसा आदि के बारे में बताते हुए जानकारी दी कि इस सम्बन्ध में पीड़िता को कोई भी सबूत देने की आवश्यकता नहीं होती है।
इस कानून का उलंघन करने वाले को एक साल तक का कारावास या बीस हजार रूपये अर्थदण्ड या दोनों हो सकता है। बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा ऊषा कनवासी ने इस सम्बन्ध में पारिवारिक लोगों की काउंसलिंग कराने की आवश्यकता पर बल दिया। अलकनन्दा मन्दाकिनी कला संगम की सुशीला बिष्ट ने बताया कि घरेलू हिंसा से सम्बन्धित शिकायत किससे करें और उनके कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया। सेवा प्रदाता मन्दाकिनी महिला विकास संस्थान की उमा जोशी ने जानकारी दी कि यह कानून महिला के घर में रहने के अधिकार को सुरक्षित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की सामान्य जानकारियों का प्रचार प्रसार हेतु इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
अधिनियम के को प्रभावी बनाने के लिए विभाग के परियोजना अधिकारी को ऊषा किरण योजान्तर्गत संरक्षण अधिकारी बनाया गया है, जिससे पीड़ित महिला शिकायत कर सकती है। कार्यक्रम का संचालन बाल विकास परियोजना अधिकारी सुधा त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं कवियित्री उपासना सेमवाल ने अपनी स्वरचित कविता ‘बेटी विराणी किले ह्वै‘ के माध्यम से भ्रूण हत्या, दहेज हत्या, निर्भया जैसे जघन्य अपराधों से समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। इस मौके पर प्रभारी बाल विकास अधिकारी देवेश्वरी कुंवर, एडवोकेट सुषमा शाह, शिल्पी भण्डारी, शारदा रानी, मीनाक्षी, पुष्पा, हंसा, यदु सेमवाल, सुधा बंगराल, राजेन्द्र धम्र्वाण सहित बड़ी संख्या में आंगन वाड़ी कार्यकत्रियां एवं सहायिकाऐं मौजूद थीं।