उत्तराखंड

उत्तराखंड में तीन और मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी जीनोम सीक्वेसिंग..

उत्तराखंड में तीन और मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी जीनोम सीक्वेसिंग..

केंद्र से मांगी तीन लाख कोविड वैक्सीन..

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: राज्य सरकार जल्द ही राजकीय मेडिकल कॉलेज दून के अलावा तीन और मेडिकल कॉलेजों में कोविड संक्रमित सैंपलों के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग लैब स्थापित करेगी। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली को ऐसा करने के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के लिए कहा गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोविड टीकाकरण की 3 लाख बूस्टर खुराक का अनुरोध किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के निर्देशन में शुक्रवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस हुई। जिसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में राज्य की तैयारियों की जानकारी दी। उनका कहना हैं कि प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के साथ ही चारों मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा चुकी हैं।

दून मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए परीक्षण किया जा रहा है। सरकार ने बूस्टर डोज अभियान शुरू किया है। इसके लिए राज्य को तीन लाख बूस्टर खुराक की जरूरत है। डॉ. आर.के. बैठक में राजेश, स्वास्थ्य सचिव डॉ. विनीता शाह, एनएचएम की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, डॉ. पंकज सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।

तैयारियों को परखने के लिए 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल..

बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को कोविड टीकाकरण दर, आरटीपीसीआर जांच और संक्रमित नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने का अधिकार दिया। 27 दिसंबर को सभी राज्यों के अस्पतालों में उनकी तैयारी का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल कराई जाए। ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन, कर्मचारियों और संसाधनों की कितनी जरूरत होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगेगा।

मेडिकल कॉलेजों की लैब में प्रतिदिन 11 हजार आरटीपीसीआर जांच की क्षमता
देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा में राज्य के मेडिकल स्कूलों में प्रतिदिन 11,000 से अधिक आरटीपीसीआर परीक्षण किए जा सकते हैं, जबकि इन मेडिकल स्कूलों में स्थापित जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में मासिक रूप से 2,000 से अधिक जीनोम अनुक्रमित किए जा सकते हैं। दून मेडिकल कॉलेज में अभी संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। पंजीकरण के लिए एनसीडीसी की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही हल्द्वानी, अल्मोड़ा और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब का संचालन शुरू हो जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग के पास 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर..

कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार ने चिकित्सा उपकरणों का इंतजाम किया था। राज्य में वर्तमान में 86 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 9743 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 22428 ऑक्सीजन सिलेंडर संचालित हैं। सरकारी अस्पतालों में भी 1032 वेंटिलेटर, 8189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और 762 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। 11 सरकारी पैथोलॉजी लैब में रोजाना करीब 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है।

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top