हाईकोर्ट ने धामी सरकार से इस बात को लेकर एक अप्रैल तक माँगा जवाब..
उत्तराखंड: 3 मई से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो रही हैं। चारधाम यात्रा को लेकर इस बार श्रद्धालुओं में भारी उत्साह नजर आ रहा है। अभी यात्रा शुरू होने में एक माह का समय है, लेकिन होटल दस से 30 जून तक के लिए बुक हो चुके हैं। बीते दो वर्ष कोरोना के चलते चारधाम यात्रा नहीं चल पाई थी, लेकिन इस बार रिकार्ड यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है। इसी को देखते हुए चारधाम रूट के व्यापारियों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
लेकिन प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से मौखिक रूप में पूछा है कि क्या कोरोना पर काबू पाने के लिए कोई नई एसओपी जारी की गई है? यदि नई एसओपी जारी की गई है तो पहली अप्रैल तक कोर्ट को बताएं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
आपको बता दे कि सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को कहा कि अब प्रदेश में कोरोना के केस नहीं है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर हो चुकी है। सरकार ने कोर्ट के आदेश पर नैनीताल व बागेश्वर में सीटी स्कैन मशीन लगवा दी है। सरकार ने 293 डॉक्टरों, 1200 नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए अनुमोदन भेज दिया है। प्रदेश में अब एक भी क्वारंटीन सेंटर भी नहीं है, इसलिए इस जनहित याचिका का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। वहीं, याचिकाकर्ताओं का कहना था कि अब भी कोरोना के केस मिल रहे हैं। प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। डॉक्टरों की भारी कमी है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करीब 1500 डॉक्टरों और स्टाफ की जरूरत है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि जिला मॉनिटरिंग कमेटी के सुझावों का सरकार से पालन करवाया जाए।