घर पर ऑक्सीमीटर नहीं है तो, ऐसे जांचें अपना ऑक्सीजन लेवल..
उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पूरे देश के जनमानस को बेहद बुरे ढंग से प्रभावित कर रही है। हर रोज बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण के शिकार बन रहे हैं। यह संक्रमण सबसे अधिक नुकसान फेफड़ों को पहुंचा रहा है। स्थिति इतनी ख़राब बनी हुई है कि आक्सीजन का स्तर तेजी से घट रहा है और संक्रमित व्यक्ति को आक्सीजन सपोर्ट और अस्पतालों की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में यदि कुछ सावधानियां बरती जाएं तो आप कोरोना संक्रमण की इस लहर से स्वयं व अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, इस तरह ऑक्सीजन स्तर चेक करने का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य फिलहाल उपलब्ध नहीं है, ऐसी किसी भी जांच से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य सलाह करें।
कोरोना संक्रमण से फेफड़ों के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्थिति यह है कि अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं। ऑक्सीजन सिलिंडर भी बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही घरों में ऑक्सीजन लेबल जांचने के लिए काम आने वाला पल्स ऑक्सीमीटर तक बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस तरह की स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों की राय है कि आप घर पर इन तमाम उपकरणों के न होने पर भी अपने ऑक्सीजन लेबल की जांच कर सकते हैं और अपने ऑक्सीजन लेबल को बढ़ा सकते हैं।
एम्स ऋषिकेश डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनोद का कहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर न मिल पाने की स्थिति में आप अपनी सांस को 30 सेकेंड के लिए रोक कर अपना आक्सीजन का स्तर चेक कर सकते हैं। यदि आपका आक्सीजन लेवल कम है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। लेकिन आपके पास ऑक्सीजन सिलेंडर या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं है, तो ऐसी स्थिति में आप पेट के बल लेट जाएं, जिसको आजकल आम भाषा में प्रोन वेंटिलेशन भी बोलते हैं। इससे आपको सांस लेने में सहायता मिलेगी और आपका ऑक्सीजन लेवल भी ठीक रहेगा।
डॉ. विनोद का यहा भी कहना है कि इस बीमारी में घबराने की नहीं जरुरत नहीं हैं बल्कि हिम्मत से काम लेने की जरूरत है। हमारे शरीर के अंदर ही इस बीमारी से लड़ने की क्षमता भी है। इसलिए हमें अपने शरीर की क्षमता से इस बीमारी का डटकर सामना करना है।
इन बातों का रखें खयाल
1- तरल पदार्थ जैसे सूप, जूस, काढ़ा, चाय, काफी, गुनगुना पानी, गर्म हल्दी दूध आदि का प्रयोग करें।
2- पूर्ण रूप से आराम करें और अच्छी नींद लें। लक्षण होने पर कोई व्यायाम ना करें, ना ही सीढ़ियां उतरे चढ़ें।
3- अपने आप को मानसिक रूप से फिल्म, शार्ट फिल्म, किताब, गाना, कहानी, कविता आदि के माध्यम से व्यस्त रखें। दोस्तों से बातें करें फोन पर बात करें और पॉजिटिव चीजों के बारे में बताएं।
4- स्नान भी गुनगुने पानी से ही करें।
5- सांस लेने में थोड़ी भी तकलीफ होने पर सुबह-शाम भाप लें और गुनगुना पानी के साथ गरारे करें।
6- घर के फ्रिज में रखी ठंडी वस्तुओं से परहेज करें। अगर इस्तेमाल करना है तो उन्हें इस्तेमाल से दो-तीन घंटे पहले निकाल कर बाहर रख लें।