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वर्क फ्रॉम होम के नाम पर न हो जाएं शिकार, इस ट्रिक से ठग रहा गैंग..

वर्क फ्रॉम होम के नाम पर न हो जाएं शिकार, इस ट्रिक से ठग रहा गैंग..

‘वर्क फ्रॉम होम’ के नाम से चल रहा गोरखधंधा..

 

 

 

 

देश-विदेश: कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का चलन काफी बढ़ गया हैं। इस काल में आपने सोशल मीडिया पर बहुत सारी ऐसी एड देखी होंगी, जो आपको घर बैठकर काम करने पर मोटी कमाई का लालच दे रही होगी। उसी लालच में पड़कर देश भर के ना जाने कितने बेरोजगार लोग लुट गए।

आपको बता दे कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने वर्क फ्रॉम होम नाम से चल रहा फर्जी जॉब सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। स्पेशल सेल ने दिल्ली-एनसीआर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि ये लोग नकली जॉब पोर्टल के जरिए घर से काम करने की पेशकश करते और बाद में काम करने वाले व्यक्ति को ऐसे लक्ष्य देते, जिन्हें हासिल नहीं किया जा सकता था।इसके बाद उन लोगों को कानून और कोर्ट का डर दिखाकर जुर्माना वसूला जाता।

 

 

 

 

साइबर क्राइम यूनिट को मिली थी शिकायतें..

 

आपको बता दे कि साइबर क्राइम यूनिट में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट theresumesearch.com, jobsearchnet.in और resumetofill.com निर्दोष लोगों को काम करने का वादा करके उन्हें धोखा देने में लगी हुई हैं। शिकायत के अनुसार ये गैंग इन वेबसाइटों के जरिए लोगों को वर्क फ्रॉम होम का ऑफर देते और उसके बाद असंभव टास्क देते हैं। जिसके बाद पीड़ित उस टास्क को पूरा नहीं कर पाता तो कांट्रेक्ट का उल्लंघन बताकर उसे कोर्ट में घसीटने की धमकी देकर पैसे ऐंठ लेते।

 

इस तरह की शिकायतों के संबंध में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर खोज की तो पता चला कि पूरे देश में इस तरह की ठगी के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

कांट्रेक्ट में डलवाई जाती थीं शर्तें..

पूछताछ के दौरान एक आरोपीने कहा कि कथित वेबसाइट theresumesearch.com, jobsearchnet.in और resumetofill.com बनाया और बेरोजगार व्यक्तियों को कॉल करना शुरू कर दिया। काम करने के लिए राजी हुए व्यक्ति को डाटा एंट्री का जॉब दिया गया। उनको इतना ज्यादा भारी-भरकम डाटा दिया जाता था कि जिसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता था। इसके बाद आरोपी व्यक्तियों ने पीड़ितों को फोन करना शुरू कर दिया। साथ ही काम पूरा नहीं करने पर अदालती मामलों में घसीटने की धमकी देकर पैसे उगाहने शुरू कर दिए।

 

गिरोह के काम करने के तौर-तरीकों में पाया गया है कि उन्होंने घर से काम करने वाले लोगों की तलाश कर रहे लोगों के रिज्यूमे इकट्ठे किए। इसके बाद उन लोगों ने युवाओं के साथ कानूनी समझौते पर हस्ताक्षर करवाए। समझौते में यह शर्त डलवाई गई कि अगर वे समय सीमा में पूरा करने में विफल रहे तो उन्हें इतना जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके बाद उम्मीदवारों को असंभव लगने वाले कार्य दे दिए गए। इसके बाद आरोपियों ने सभी उम्मीदवारों को दिए गए समय के भीतर नौकरी का काम जमा करने को कहा। ज्यादातर लोग काम को समय पर जमा करने में विफल हो गए जिसके बाद आरोपियों ने उन पर बड़ी मात्रा में जुर्माना लगाया ।

 

इस मामले में IFSO के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा का कहना हैं कि आम जनता को यह सलाह दी जाती है कि जब भी कोई नौकरी के लिए आवेदन कर रहा हो, तो कृपया व्यक्तिगत जानकारी देने से पहले पोर्टल की प्रामाणिकता की जांच ज़रूर करे. अगर उसमें कोई संदेह हो तो साइबर सेल को उसकी जानकारी ज़रूर दें।

 

 

 

 

 

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