प्रसव के बाद महिला की मौत, रोती बिलखती महिलाओं ने घेरा जिला अस्पताल..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिला अस्पताल में रविवार देर रात प्रसव के बाद किए गए ऑपरेशन के दौरान एक 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने अस्पताल में घेरा डाल दिया। मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार आशा पत्नी प्रवीण नौटियाल निवासी चमारौली गांव, ब्रहखाल रविवार सुबह पांच बजे प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई। सुबह 10 बजे ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे। लेकिन शाम छह बजे फिर आशा के पेट में तेज दर्द होने लगा। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे दानी निकालने के लिए एक और ऑपरेशन करना पड़ेगा। देर रात प्रवीण दवाओं के लिए भटकता रहा। वहीं ऑपरेशन के बाद आशा की मौत हो गई।
आशा की मौत से गुस्साई महिलाओं व ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह अस्पताल को घेर लिया। उनका कहना हैं कि आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक आशा का शव नहीं उठने दिया जाएगा। मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पूरा गांव अस्पताल में एकत्र हो गया है।
बदहाल सड़क पर मरीज लेने गई एंबुलेंस का पहिया हुआ जाम बागेश्वर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी जौलकांडे सड़क के गड्ढों ने प्रसव पीड़िता को लेने गई एंबुलेंस के नट-बोल्ट ढीले कर दिए। जिसके कारण चलते वाहन का हब टूट गया और एंबुलेंस का आगे का पहिया जाम हो गया। करीब डेढ़ घंटे इंतजार के बाद प्रसव पीड़िता को निजी वाहन से जिला अस्पताल लाया गया। वहीं, सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई और जल्द डामरीकरण की मांग की है।
ग्राम प्रधान प्रिया उप्रेती, उप प्रधान नैना लोहुमी, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश उप्रेती आदि का कहना हैं कि गांव की सड़क बदहाल होने के कारण एंबुलेंस का पहिया जाम हुआ। लंबे समय से ग्रामीण सड़क में डामरीकरण और गड्ढे भरने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग सुध नहीं ले रहा है। जिसके कारण रोजाना लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इधर, 108 सेवा के जिला समन्वयक भाष्कर शर्मा का कहना हैं कि जौलकांडे गांव की प्रसव पीड़िता को लाने मोटर मार्ग में गड्ढे होने के चलते एंबुलेंस में दिक्कत आई है।