उत्तराखंड

चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखायेंगे गौरीकुण्ड के ग्रामीण..

चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखायेंगे गौरीकुण्ड के ग्रामीण.

आपदा के आठ साल बाद भी गौरीकुण्ड में फैली समस्याओं का नहीं हुआ समाधान..

बस पार्किंग, सड़क चौड़ीकरण, सुरक्षा दीवार सहित शौचालयों का नहीं किया गया निर्माण..

केदारनाथ यात्रा के समय तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय जनता को होती हैं दिक्कतें..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ आपदा को आठ साल का समय बीत गया है, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याएं आज भी जस की तस हैं। इसको लेकर क्षेत्रीय जनता ने कई बार आवाज भी उठाई, मगर किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते गौरीकुण्ड में कुछ भी कार्य नहीं हुआ है, जिस कारण यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों से जूझता पड़ता है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा सरकार ने गौरीकुण्ड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में जनता राष्ट्रीय पार्टियों से इसका बदला जरूर लेगी।

बता दें कि जून वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा ने सबकुछ तबाह करके रख दिया था। आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान केदारनाथ और गौरीकुण्ड में पहुंचा था। केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने केदारनाथ को संवारने का काम तो किया, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड की ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया। ऐसे में गौरीकुण्ड का विकास नहीं हो पाया है। केदारनाथ आपदा के दौरान गौरीकुण्ड में सैकड़ों लोगों के ढाबे, होटल, लाॅज बह गये थे, जो किसी तरह से पुनः अपने व्यवसाय को शुरू कर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की यही मांग है कि केन्द्र और राज्य सरकार को केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव में सुरक्षा दीवार, शौचालय, पार्किंग सहित सड़क चौड़ीकरण का कार्य करवाना चाहिए, जिससे यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिल सकें।

 

पूर्व प्रधान गौरीकुण्ड मायाराम गोस्वामी, व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी, दीर्घायु गोस्वामी, सुशील गोस्वामी, गौरीशंकर गोस्वामी ने कहा कि आपदा से पहले तीर्थयात्री गौरीकुंड स्थित गर्म कुंड में स्नान के बाद मां गौरी मंदिर में मत्था टेककर केदारनाथ को निकलते थे, मगर गर्मकुंड के आपदा में तबाह हो जाने के बाद तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने भी सरकार और शासन-प्रशासन से कई बार गर्म कुंड निर्माण की मांग की, लेकिन इस मांग पर कोई अमल नहीं हो पाया। ऐसे में ग्रामीणों ने श्रमदान से गर्म कुंड का निर्माण करवाया। गर्मकुंड का निर्माण पिछले वर्ष ही किया गया। ऐसे में यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री गर्मकुंड में स्नान के बाद भगवाना केदारनाथ के दर्शन को निकल रहे हैं और उनमें खुशी भी देखी जा रही है।

 

पूर्व प्रधान गौरीकुण्ड मायाराम गोस्वामी ने कहा कि गर्म कुंड निर्माण के अलावा भी यहां पर अन्य कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया है। सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक सड़क का चौडीकरण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के दौरान जाम की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा बस पार्किंग, घोड़ा पड़ाव के निर्माण के साथ ही सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया गया है। गौरीकुंड में शौचालयों का निर्माण न होने से तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपदा को आये आठ साल का समय हो चुका है, लेकिन गौरीकुण्ड की समस्याओं पर किसी भी स्तर पर कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने गौरीकुण्ड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है। आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखाने का काम किया जायेगा।

असामाजिक तत्वों ने फैलाई गंदगी..

गौरीकुण्ड प्राईमरी एवं जूनियर स्कूल के भवनों में असामाजिक तत्वों की ओर से बांधे गये घोड़े-खच्चरों से स्कूल में गंदगी फैल गई। जिसके बाद जय मां गौरी मानव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने स्कूल में फैली गंदगी को साफ किया। पूर्व प्रधान मायाराम गोस्वामी एवं ग्रामीण गौरीशंकर ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने विद्यालय भवन में घोड़े-खच्चरों को बांधकर गंदगी से बर्बाद कर दिया है। इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय भवन, बिजली, पानी एवं फुलवारी की सफाई की गई है।

 

 

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