39 करोड़ में बिकी वासुदेव गायतोंडे की पेंटिंग, बना लिया नया रिकॉर्ड..
देश-विदेश : जेन फिलॉसफी और आध्यात्मिक शिक्षाओं से प्रेरित भारतीय चित्रकार वासुदेव एस गायतोंडे की पेंटिंग एक बार फिर खबरों में है. एक बार फिर रिकॉर्ड बना है. दरअसल, साल 1961 में बनाई गई उनकी एक बेनाम नीले रंग की ऑयल पेंटिंग 39.98 करोड़ में बिकी है.
11 मार्च की देर शाम, सैफरनार्ट स्प्रिंग लाइव ऑक्शन में यह 39.98 करोड़ रुपये ($ 5.5 मिलियन) में नीलाम हुआ. ये किसी भी भारतीय कलाकार की अब तक की सबसे महंगी पेंटिंग में शुमार हो गई है.
पहले भी अपने ही रिकॉर्डों के आगे बढ़ते रहे हैं वासुदेव गायतोंडे..
ये पहला मौका नहीं है जब वासुदेव गायतोंडे ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है. इससे पहले सितंबर 2020 में गायतोंडे की साल 1974 में बनाई हुई एक ऑयल पेंटिंग जिसे उन्होंने कोई नाम नहीं दिया था वो करीब 36 करोड़ में बिकी थी. ये तब की बात है जब दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही थी. वासुदेव गायतोंडे भारत के अबस्ट्रैक्ट चित्रकारों में से एक थे. ऐब्स्ट्रैक्ट आर्ट यानी अमूर्त कला को अपनाया और अलग पहचान दी.
हालांकि इससे पहले साल 2015 में जानी मानी संस्था क्रिस्टी ने मुंबई में वासुदेव गायतोंडे की ऑयल पेंटिंग की नीलामी की थी. बताया जाता है कि इस पेंटिग ने भारतीय कला की दुनिया में एक रिकार्ड बना दिया था. वो पेंटिंग करीब 30 करोड़ रुपए में बिकी थी.
सार्वजनिक नीलामी में बिकने वाली दुनिया की सबसे महंगी पेंटिंग लियोनार्डो दा विंची की ‘साल्वाटर मुंडी है, जो 2017 में क्रिस्टी में $450.3 मिलियन में बेची गई थी, यह हाल के सालों में ही है कि भारतीय कला नीलामी सर्किट में मिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर गई है.