उत्तराखंड

क्या हरीश, गणेश और प्रीतम की तिकड़ी दाग पाएगी चुनावी गोल?

क्या हरीश, गणेश और प्रीतम की तिकड़ी दाग पाएगी चुनावी गोल?

उत्तराखंड: कांग्रेस उत्तराखंड में बेहद कठिन दौर से गुजर रही है। राज्य में पार्टी की सत्ता वापसी का सारा दारोमदार इसके तीन प्रमुख नेताओं चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के कंधों पर आ गया है। हालांकि ओहदे बंटने के बाद कांग्रेस में ध्रुवों की सियासत और गहरा गई है। पार्टी के अंदर से ही तमाम सवाल उठ रहे हैं। ऐसे ही सवालों को लेकर तीनों दिग्गजों से बातचीत की। इसमें तीनों ने 2022 में कांग्रेस को सत्ता में लाने का दम ठोक रहे हैं।

पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष

प्रश्न- हरीश रावत की चुनाव में भूमिका करो या मरो वाली है। कैसे पार पाएंगे इन सबसे?

उत्तर- बदलते सामाजिक परिवेश में उम्र के हिसाब से यह मेरा अंतिम चुनाव भी हो सकता है। यदि उत्तराखंडियत को राज्य का जीवन आधार और स्वभाव बनना है तो उसके लिए इस चुनाव में मेरी जीत और मेरे नेतृत्व की जीत आवश्यक है।

प्रश्न- जंबो कमेटी और नेताओं की फ़ौज तो है कार्यकर्ता कहां हैं ?

उत्तर- एक बड़ी संख्या की क्षमता को सार्थक धारा देना एक बड़ी चुनौती है। ..और मैं समझता हूं कि हमारे जो नए अध्यक्ष हैं, उनकी क्षमता और स्वभाव सबको जोड़ने में और इन सबकी क्षमताओं को चुनावी जीत बदलने के लिए कामयाब होंगे।

प्रश्न- हरीश रावत के चेहरे पर पार्टी के लोग चुनाव लड़ने को तैयार हैं?

उत्तर- चेहरे का सवाल मैंने राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में उठाया है, जो आज भी मौंजू है। जहां-जहां हमने या दूसरे दलों ने चेहरे घोषित किए हैं, वहां परिणाम बेहतर रहे हैं। चुनौतियों का बेहतर मुकाबला हुआ है। मैंने सबके साथ मिलकर चुनाव न लड़ने की बात कभी नहीं कही। मैं हमेशा से सामूहिकता का पक्षधर रहा हूं। आज भी हूं।

प्रश्न- भाजपा के पास फिर से डबल इंजन की सरकार मांगने का मौका है। आपके पास कौन से मुद्दे हैं?

उत्तर- भाजपा के डबल इंजन की विफलता ही सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस पर उत्तराखंड वोट करेगा। फिर भाजपा ने जिस तरह से विशाल बहुमत के बावजूद बार-बार नेतृत्व परिवर्तन कर जिस तरह से उत्तराखंड का मजाक बनाया है, जनता इसका हिसाब जरूर लेगी।
मेरी रणनीति सभी वरिष्ठ सदस्यों को सम्मान के साथ लेकर चलने की: गोदियाल गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

प्रश्न: विधानसभा चुनाव से ऐन पहले आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, क्या रहेगी आपकी रणनीति?

उत्तर- मेरी रणनीति सभी वरिष्ठ सदस्यों को सम्मान के साथ लेकर चलने की है। इसके अलावा हम बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला सशक्तीकरण जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। वर्ष 2022 में हमारा मकसद सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि जनता का विश्वास जीतना भी है।

प्रश्न- कांग्रेस में नेताओं की फौज के बीच कैसे संतुलन साधेंगे आप?

उत्तर- संतुलन साधने के लिए ही यह कवायद की गई है। यह हमारी पार्टी का सौभाग्य है कि कांग्रेस में बड़ी संख्या में ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनमें राजनीतिक कौशल है। उनका उपयोग पार्टी चुनाव में करना चाहती है, यह हमारी ताकत है।

प्रश्न- कांग्रेस में चेहरे को लेकर क्या सियासत चल रही है?

उत्तर- ये सियासत कांग्रेस में नहीं भाजपा में हो रही है। बार-बार चेहरे वाला प्रश्न उठाना भाजपा की सोची-समझी चाल है, क्या भाजपा बता सकती है कि उत्तराखंड में किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी? वर्तमान में जिन-जिन नेताओं को जो जिम्मेदारी दी गई है, उन सभी का एक चेहरा है, जिसका नाम कांग्रेस है।

प्रश्न- हरीश-गोदियाल की जोड़ी पर पार्टी हाईकमान ने दांव लगाया है, असंतुष्टों से पार पाते हुए ये जोड़ी कैसे आगे बढ़ेगी?

उत्तर- कांग्रेस एक वृहद परिवार है और पार्टी ने मुझे जो भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी है, तो मुझमें सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता होनी चाहिए। मैं सभी वरिष्ठ नेताओं में सबसे कनिष्ठ हूं, इसलिए जहां कहीं भी मुझे इस प्रकार की स्थिति दिखाई देगी, मुझे उसे अपने अपनी कनिष्ठता से पूर्ण करना है।

प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस विधानमंडल दल..

प्रश्न- वर्ष 2017 में जब कांग्रेस के मात्र 11 विधायक चुनकर आए थे, तब आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। अब ऐन चुनाव से यह जिम्मेदारी वापस ले ली गई ?

उत्तर- पार्टी में ऐसी परिस्थितियां बन गईं कि जिसमें बदलाव जरूरी हो गया था। मुझसे जब इस बारे में पूछा गया तो मैंने कहा, जो भी पार्टी हित में हो वह किया जाना चाहिए। मुझे नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रश्न- जाते-जाते आप भी कई पद बांट गए। कहा जा रहा है कि इससे नए प्रदेश अध्यक्ष को मुश्किलें पेश आएंगी?

उत्तर- मैंने वर्ष 2017 में जब प्रदेश अध्यक्ष पद संभाला था, तब पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जंबो कार्यकारिणी छोड़ गए थे। मैंने तीन साल तक उसमें कोई बदलाव नहीं किया। उन्हीं पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। वैसे भी मैंने कोई सांविधानिक पद तो नहीं बांटा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

प्रश्न- चुनाव में चेहरे के सवाल पर पार्टी के भीतर ही राजनीति हो रही है, ऐसे आप कैसे देखते हैं?

उत्तर- मैंने पहले भी कहा था अब भी कह रहा हूं, कांग्रेस में चुनाव से पूर्व चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है। इस तरह की बात करने वाले गलत कर रहे हैं। कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव में जाएगी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही पार्टी का चेहरा हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश प्रभारी ने भी स्पष्ट किया है चुनाव में कांग्रेस का कोई चेहरा नहीं होगा।

प्रश्न- आपकी नजर में पार्टी में एकजुटता का फार्मूला क्या है?

उत्तर- चुनाव नजदीक हैं। सभी को दायित्व और जिम्मेदारियां दे दी गई हैं। सभी अपने-अपने स्तर से अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निर्वहन करते हुए पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। वैसे भी पार्टी में कहीं कोई गुटबाजी नहीं है। हम सब मिलकर लडे़ंगे और 2022 में सत्ता में लौटेंगे।

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