उत्तराखंड

अधर में लटका है कोटेश्वरी-तिलणी पुल का निर्माण कार्य, ग्रामीणों में आक्रोश..

अधर में लटका है कोटेश्वरी-तिलणी पुल का निर्माण कार्य, ग्रामीणों में आक्रोश..

कोटेश्वर-तिलनी पुल के लिए यूकेडी करेगा आंदोलन..

झूलापुल के क्षतिग्रस्त होने पर स्टील गार्डर पुल का हो रहा निर्माण..

रानीगढ़, धनपुर एवं तल्लानागपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों को जोड़ता है पुल..

 

 

 

रुद्रपयाग। लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की लापरवाही के चलते कोटेश्वर-तिलनी पुल का निर्माण अधर में लटक गया है। जल्द पुल निर्माण न होने पर उत्तराखंड क्रांति दल ने आंदोलन को चेतावनी दी है। वहीं लोनिवि का कहना है कि पुल का बेस तैयार हो चुका है, अब सिर्फ पुल के पाट्र्स लगने बाकी हैं।

दरअसल, इस स्थान पर 60 के दशक में बना झूलापुल अब आवाजाही लायक नहीं है। ये पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में स्थानीय जनता ने नये पुल की मांग की थी। मार्च 2020 में स्थानीय विधायक ने पुल का शिलान्यास किया और डेढ़ वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के बावजूद भी अभी तक पुल निर्माण के लिए सिर्फ बेस ही बना है। निर्माण सामग्री मौके पर धूल फांक रही है। करीब पचास मीटर लंबा कोटेश्वर-तिलनी स्टील गार्डर पुल अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है। पूर्व में रानीगढ़, धनपुर एवं तल्लानागपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीण इसी पुल से आवागमन करते थे। प्रतिवर्ष सावन मास में तिलनी, सुमेरपुर, धनपुर, रानीगढ के कई गांवों के लोग कोटेश्वर महादेव के दर्शनों को इसी पुल से आवाजाही करते थे। अब स्थानीय लोगों को कोटेश्वर मंदिर के साथ ही कलक्ट्रेट, जज कोर्ट एवं विकास भवन पहुंचने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करके आना पड़ता है।

उक्रांद नेताओं ने अधर में लटके पुल के कार्य का जायजा लिया। उक्रांद नेता मोहित डिमरी ने कहा कि स्थानीय जनता की मांग पर लोनिवि ने नए पुल निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, मार्च 2018 में शासन स्तर से यहां पर स्टील गार्डर पुल निर्माण के लिए 89 लाख का बजट को स्वीकृति मिली, लेकिन पुल के लिए टेंडर प्रक्रिया समेत सभी औपचारिकताएं पूरी होने के लंबे समय बाद पुल निर्माण कार्य शुरू हो सका। लोनिवि ने मार्च 2020 में नए पुल का निर्माण कार्य शुरू किया था। वर्तमान में करीब दस फीसदी निर्माण कार्य ही हो सका है।

निर्माण स्थल पर कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। नए पुल निर्माण से शहर के तिलणी कस्बे से सटे कोटेश्वर, बेला, खुरड, गन्धारी, सुमेरपुर, तिलणी, रतूड़ा, तूना, किमोठा, लमेरी समेत कई गांवों को इसका लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों को जिलाधिकारी कार्यालय, जज कोर्ट और विकास भवन को आने-जाने में काफी सुगमता मिलेगी। अभी इस क्षेत्र के लोगों को करीब आठ से दस किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि जल्द पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ तो उत्तराखंड क्रांति दल स्थानीय लोगों के साथ लोक निर्माण विभाग कार्यालय में धरना-प्रदर्शन करेगा। वहीं पूर्व सभासद चंद्रमोहन टम्टा, ग्रामीण फते सिंह कठैत ने कहा कि कि पुल न होने से आवागमन में भारी परेशानी होती है। कई बार शासन-प्रशासन से पत्राचार करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। अब जनता के पास आंदोलन के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं है। वहीं मामले में लोनिवि के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस का कहना है कि कोटेश्वर-तिलनी स्टील गार्डर पुल का निर्माण चल रहा है। बीच में ठेकेदार की लापरवाही के कारण कार्य रूका था, मगर अब कार्य पुनः शुरू हो गया है। पुल का बेस तैयार हो चुका है और अब सिर्फ पुल के पाट्र्स लगाये जाने हैं। यह कार्य दो माह के भीतर पूरा कर लिया जायेगा।

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top