कोरोनाकाल में पर्यटन निगमों पर पड़ा बुरा असर, बुकिंग होने लगी कैंसिल..
उत्तराखंड: पर्यटन निगमों जीएमवीएन और केएमवीएन पर कोरोना का असर पड़ना शुरू हो गया है। पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दी है। आपको बता दे कि जीएमवीएन में सात लाख तक की बुकिंग कैंसिल भी हो चुकी है। केएमवीएन में भी बुकिंग कैंसिल होना शुरू हो गया है। सबसे बड़ी परेशानी गेस्ट हाउस कोविड केयर सेंटर बनने से आ रही है। कोरोना के केस बढ़ते ही पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग को लेकर नये सिरे से विचार शुरू कर दिया है। बुकिंग सेंटर में देश भर से पर्यटकों के फोन आने शुरू हो गए हैं।
कोरोना की स्थिति की पड़ताल के साथ ही बुकिंग कैंसिल कराने को लेकर लगातार फोन भी आ रहे हैं। कुछ लोग बुकिंग को अक्तूबर, नवंबर तक के लिए स्थगित कर रहे हैं। अभी तक तीन करोड़ की बुकिंग आ चुकी है। जिसमे से साथ लाख की बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। पिछली बार चार करोड़ तक की बुकिंग कैंसिल हो गई थी। हालांकि जीएमवीएन ने बुकिंग को अगले सीजन तक के लिए बनाए रखने का मौका भी दिया था। बुकिंग कैंसिल कराने की यही स्थिति केएमवीएन की भी है। यहां भी लाखों की बुकिंग कैंसिल हो चुकी है।
कोविड केयर सेंटर से बड़ा नुकसान..
पर्यटक आवास गृहों के कोविड केयर सेंटर बनने से भी बड़ा नुकसान हो रहा है। नैनीताल में केएमवीएन के सूखाताल और तल्लीताल टीआरएच का अधिग्रहण हो गया है। यहां कोविड केयर सेंटर बनाए जा रहे हैं। पिछली बार भी कोरोना के समय में टीआरएच को केविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया था। नैनीताल के साथ मोहान में दो टीआरएच कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं।
जीएमवीएन के ऋषिकेश में भरत भूमि और मुनीकीरेती में कोविड सेंटर बनाया गया है। अभी तीन करोड़ में से सिर्फ सात लाख के करीब बुकिंग कैंसिल हुई है। उम्मीद है कि पर्यटक बुकिंग कैंसिल कराने की बजाय बुकिंग आगे के लिए शिफ्ट कराएंगे। जैसे ही कोरोना की स्थिति सुधरेगी, तो पर्यटक वापस लौटेंगे। इसीलिए कैंसिल से अधिक जोर बुकिंग आगे बढ़ाने पर है।