चारधाम यात्रा- दर्शन व्यवस्था होगी स्मार्ट, इस बार प्रभावी ढंग से लागू होगा टोकन सिस्टम..
उत्तराखंड: इस वर्ष की चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे प्रमुख धामों में दर्शन के लिए टोकन सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य तीर्थयात्रियों की भीड़ को व्यवस्थित करना और उन्हें घंटों कतार में खड़े होने से राहत दिलाना है। चारधाम में पहुंचने पर यात्रियों को एक टोकन प्रदान किया जाएगा, जिसमें उनके दर्शन का समय स्पष्ट रूप से अंकित होगा। इस समय के अनुसार श्रद्धालु सीधे दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे, जिससे अनावश्यक भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सकेगा। इससे तीर्थयात्रियों को घंटों लंबी कतारों में खड़े होने से राहत मिलेगी। साथ ही प्रशासन को भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।
बता दे कि पिछले वर्ष उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा धामों में टोकन सिस्टम शुरू किया गया था, जिसका मकसद भीड़ को नियंत्रित करना और दर्शन को व्यवस्थित बनाना था। हालांकि व्यवस्था के अभाव और समुचित क्रियान्वयन में कमी के चलते यह योजना धरातल पर उतर नहीं पाई। विशेषकर केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के दिन दो से तीन किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें देखने को मिलीं, जिससे भीड़ प्रबंधन की पोल खुल गई। जिसके चलते अब इस बार धाम में पहुंचते ही टोकन मिलेगा जिसमें दर्शन का समय निर्धारित होगा। जिससे तीर्थयात्री टोकन में दिए गए समय पर ही दर्शन कर सकते हैं। साथ ही डिजिटल स्लॉट मैनेजमेंट से हर यात्री को सटीक समय मिलेगा जिससे कतारों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही प्रशासनिक निगरानी और डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम के माध्यम से व्यवस्था पर रहेगी नजर। सीएम धामी ने चारधाम में दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएम का कहना है कि श्रद्धालुओं को सुविधा देना सरकार की प्राथमिकता है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और अर्थव्यवस्था से जुड़ी है, और उसकी गरिमा को बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
क्या है टोकन सिस्टम..
आपको बता दे कि चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। जब तीर्थयात्री धाम में पहुंचेगा तो उसे यात्रा पंजीकरण दिखाने पर टोकन मिलेगा। जिसमें दर्शन करने का समय दिया जाएगा। चारधाम यात्रा पर आने के लिए अब तक पंजीकरण का आंकड़ा 17 लाख पार कर चुका है। इसमें केदारनाथ धाम के लिए 5.73 लाख, बद्रीनाथ धाम के लिए 5.04 लाख, गंगोत्री के लिए 3.01 लाख, यमुनोत्री के लिए 2.78 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है।
