सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब से ही यूपी के मुख्यमंत्री का पद संभाला है, ऐसा शायद ही कोई दिन गया हो जब वो सुर्ख़ियों में ना रहे हों. यूपी की कमान सँभालने के तुरंत बाद से ही सीएम योगी ने अपने ताबड़तोड़ फैसलों से प्रदेश की जनता को ये साबित कर दिया था कि अब वो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना कर ही दम लेंगे. ऐसे में सीएम योगी ने अपने इस कार्यकाल में कई सभाएं भी की हैं. इसी दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक सभा की थी काशी में. काशी में हुई इस जनसभा में एक पति-पत्नी नज़र आये थे जिन्होंने सबका ध्यान अपनी और खींचा. हालाँकि इन पति-पत्नी की सच्चाई जब लोगों के सामने आई तो लोगों को यकीन ही नहीं हुआ.
जानिए कौन है ये पति पत्नी?
दरअसल काशी में सीएम योगी की इस जनसभा में सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करने वाला और कोई और नहीं थे बल्कि एक एनआरआई रोहित सिंह और उनकी पत्नी रितिका थीं. बात यहीं ख़त्म नहीं होती. इस एनआरआई पति-पत्नी रोहित सिंह और रितिका की पूरी कहानी सुनकर आप भी अपने दांतों तले ऊँगली दबा लेंगें.
जानिए क्या है इस एनआरआई कपल की कहानी
एक इन्टरव्यू में बात करते हुए रोहित बताते हैं कि वो विदेश में उनको मिली करोड़ों की नौकरी को छोड़कर यहाँ आये हैं. जबतक आप इस बता को सुनकर इसके पीछे का असली मकसद समझना ही चाह रहे होंगे तब तक ये भी जान लीजिये कि सिर्फ रोहित ही नहीं बल्कि इनकी पत्नी ने भी अपना अच्छा खासा पैकेज ठुकरा दिया हैं और इसके पीछे की वजह ये है कि…
जानिए क्या है वो बड़ी वजह जिसके चलते करोड़ों का पैकेज ठुकरा कर रोहित और रितिका…
अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर कोई शख्स भला क्यों अपने करोड़ों का पैकेज इस तरह ठुकरा सकता है? तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे की वजह बताते हुए रोहित बताते हैं कि, “अपने गांव में एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और स्किल डेवलपमेंट के लिए उन्होंने 7 करोड़ 44 लाख और रितिका ने 4करोड़ 96 लाख रुपए पैकेज छोड़ने का फैसला किया है. उन्हें ये पैकेज ठुकराने का कोई मलाल नहीं है बल्कि उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि अब गांव में उन्हें बच्चों के लिए एजुकेशन को बढ़ाना है.”
सोफ्ट्वेयर इंजिनियर रह चुके हैं रोहित
जून में अपना दल (एस) ज्वाइन कर चुके सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित ने अपने गाँव में शिक्षा लाने के मिशन के बारे में बात करते हुए बताया कि, “मैंने गांव से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2003 में पुणे के भारतीय विद्यापीठ से अपनी आगे की पढ़ाई इंजीनियरिंग की है. इसके बाद सन् 2006 में मैंने अमेरिका में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से एमएस किया.”
फिर बात करें अगर आगे की नौकरी की तो 2008 से 2013 तक मैंने अमेरिका में कई आईटी, इंफॉर्मेशन सेक्टर की कंपनियों में काम किया है. आगे बढ़ने का ख्वाब था जिसके चलते मैं सन् 2014 में एक लाख 20 हजार डॉलर के पैकेज पर जेपी मॉर्गन बैंक का वाइस प्रेसीडेंट भी बना. उसके बाद अक्टूबर 2016 तक मैंने यहीं जॉब की.”
पिता की ख़राब तबियत के चलते 2006 में आये थे भारत
रोहित ने बताया कि दिसम्बर 2016 की बात जब अचनाक से उनके पिता की तबियत ख़राब होने लगी, और तब उनकी देखभाल के लिए वो इंडिया आ गए. हालाँकि दिसंबर में ही उनके पिता की कैंसर से मौत हो गई.”
रोहित के पिताजी सोशल वर्कर थे और वो किसान इंटर कॉलेज चलाते थे. उनकी मौत के बाद रोहित ने यहीं रहकर किसान इंटर कॉलेज चलाने का फैसला किया, जहाँ अब लगभग चार हजार बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा रही है. बताया जा रहा है कि रोहित और उनकी पत्नी के प्रयासों के चलते जल्द ही अब गांव के बच्चों के लिए सीबीएससी बोर्ड का स्कूल खोला जाएगा.”
अनुप्रिया पटेल से हैं इम्प्रेस
रोहित की पत्नी रितिका जो ख़ुद जमशेदपुर की रहने वाली हैं बताती हैं कि वो 2014 में यूके से MBA करने के बाद आईटी कंपनी में 80 हजार डॉलर के पैकेज पर जॉब कर रही थी, लेकिन जब रोहित ने भारत आने का मन बनाया तो वो भी अपने पति के साथ वापस इंडिया आ गयीं.
रितिका बताती हैं कि यहां वो भी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय महासचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को देखकर इम्प्रेस हुई हैं. उन्होंने इतनी छोटी उम्र में ही पॉलिटिक्स में कदम रखकर समाज सेवा का बीड़ा उठाया है जो हमारे लिए प्रेरणादायी है. रितिका मानती हैं कि वो और उनके पति सीएम योगी और पीएम मोदी के ग्रामीण विजन को आगे बढ़ाना चाहते हैं. रितिका मानती हैं कि, “सक्सेज का सबसे आसान रास्ता होती है अच्छी शिक्षा. विदेश में पढ़कर और नौकरी का अच्छा एक्सपीरियंस बटोर कर आज हम वो सब ग्रामीणों के साथ शेयर कर रहे हैं.”a