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1 साल में कैद हुई कोरोना की सबसे दिल दहलाने वाली ये तस्वीर..

1 साल में कैद हुई कोरोना की सबसे दिल दहलाने वाली ये तस्वीर..

देश-विदेश : पिछले साल मार्च 2020 में ही कोरोना की शुरुआत हुई थी। वैसे तो इस वायरस के मामले 2019 में ही सामने आने लगे थे लेकिन मार्च 2020 से इस वायरस ने दुनियाभर में रफ़्तार पकड़ी थी। वायरस को महामारी बने हुए एक साल से ज्यादा हो गया है। इस वायरस ने अभी तक करोड़ों को संक्रमित कर दिया है। साथ ही लाखों लोगों की जान ले चुका है। आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी ने अभी तक दुनियाभर में 12 करोड़ 47 लाख 90 हजार लोगों को संक्रमित किया है। इसमें 27 लाख 45 हजार 3 सौ 86 की मौत हो गई जबकि इससे रिकवर करने वालों की संख्या 10 करोड़ 8 लाख 20 हजार 9 सौ 71 है। कोरोना के एक साल होने पर आज हम आपको दुनियाभर में इस वायरस का प्रकोप दिखाती 25 तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं। इसे दुनियाभर के कई फोटोग्राफर्स ने कैद की है।

 

 

इस तस्वीर को अमेरिका के वशिंगटन में एक लाइफ केयर सेंटर में कैद किया गया। कोविड बुजुर्गों को सबसे पहले चपेट में लेता है। ऐसे में मार्च 2020 के समय बुजुर्गों को सबसे पहले क्वारेंटाइन किया गया था। उसी दौरान कैद हुए इस तस्वीर में एक बुजुर्ग अपनी बेटी से दूर से ही मुलाक़ात करते नजर आ रही थी। मार्च 14 को न्यूयॉर्क एक्सचेंज ऑफिस में एक हफ्ते के लॉकडाउन के बाद ऑफिस को दुबारा खोलने की तैयारी करते लोग। इससे पता चलता है कि उस दौरान लोगों ने महामारी को कितने हलके से लिया था।

 

 

मार्च 17 को नॉर्थ कैरोलिना के एक स्कूल में डेड बॉडीज को काले प्लास्टिक में बांधकर फेंक दिया गया था। इसे जब वहां मौजूद एक फोटोग्राफर ने देखा था तब ही समझ गया था कि ये तस्वीर आगे कोरोना महामारी की खौफनाक स्थिति को जताने का पर्याय बनेगा। मार्च 30 को लास वेगास में कैद हुए इस फोटो में वहां के बेघर लोग सड़क पर सोने को मजबूर किये गए। होमलेस शेल्टर को बंद करवा दिया गया था और सभी सड़क किनारे पार्किंग में सोए नजर आए थे।

 

 

मार्च 31 को न्यूजर्सी के एक अस्पताल में कैद हुए इस तस्वीर के बारे में बताते हुए फोटोग्राफर ने कहा कि उस दौरान कुछ डॉक्टर्स ने महामारी की उम्र दो से तीन महीने बताई थी। जबकि कुछ का कहना था कि ये साल दो साल रहेगा। वेंटिलेटर पर आए मरीज ज्यादातर मारे ही जाते थे। उन्हें सांस लेने में स्ट्रगल करते हुए देखा जाता था। अप्रैल 9 को न्यूयॉर्क में डेड बॉडीज को कुछ इस दफनाते देखा गया। एक जगह बड़ा सा गड्ढा बना कर कई कब्रों दफ़न कर दिया गया। ऐसा जगह की कमी के कारण किया गया था। बाद में कई देशों में नए कब्रिस्तान भी बनाने गए।

 

अप्रैल 22 को न्यूयॉर्क में कोरोना से हो रही मौतें इतनी बढ़ गई थीं कि अस्पताल में हर तरफ सिर्फ डेड बॉडीज ही नजर आ रही थी। माहमारी के पहले चरण में मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ गया था। अप्रैल 24 उटाह में मोबाइल फ़ूड बैंक खोला गया। इसमें अपने लिए खाना और राशन जमा करने आए लोगों की ये तस्वीर उस समय महामारी की भयाहवता और खाने के संकट को दिखाने के लिए काफी है।

 

 

मई 3 को लॉस एंजिलिस में कैद हुई इस तस्वीर में सोशल डिस्टेंसिंग के बीच शादी का फंक्शन अटेंड करते लोग। इस दौरान कई लोगों ने अपनी शादी कैंसिल कर दी लेकिन कुछ ने सोशल डिस्टेंसिंग करते हुए शादी कर ली। छोटे से फंक्शन के बीच ये शादी चर्चा का विषय बनी थी। मई 4 को ब्रूकलिन के अस्पताल में कैद की गई ये तस्वीर। इसमें एक बहन अपने मरते हुए भाई को नजदीक से देखने के लिए प्रोटेक्टिव सूट में पहुंची। किसी भी रिश्तेदार को मरीजों के नजदीक नहीं जाने दिया जा रहा था। लेकिन इस बहन ने आखिरी समय में अपने भाई को छूने के लिए अपनी जान को रिस्क में डाल दिया।

 

 

मई 5 को एक फ्यूनरल हाउस में लगे लाशों के ढेर के साथ फ्यूनरल हॉउस के डायरेक्टर की तस्वीर। पीछे लाशों को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि मौत के आंकड़ों के बीच कैसे लोगों को अपने अंतिम संस्कार का भी इन्तजार करना पड़ा था। मई 24 को कोरोना महामारी में लोगों को अपनों से कुछ इस तरह गले लगते देखा गया। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्लास्टिक के पर्दों के पीछे से लोग अपनों को छू पा रहे थे। ये टच भी महीनों के इंतजार के बाद संभव हुआ था। जून 4 को ये तस्वीर जॉर्ज फ्लॉयड के मौत के विरोध प्रदर्शन में ली गई। इस मौत ने लोगों में इतना आक्रोश भर दिया था कि महामारी के बावजूद सड़कों पर इस तरह से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

 

 

जुलाई 20 को कई महीनों के बाद कुछ देशों में लॉकडाउन खत्म हुआ। इसके बाद स्कूल खोले गए। लेकिन अब स्कूल का अनुभव पूरी तरह बदल चुका था। कुछ इस तरह बच्चे पढ़ाई करते नजर आए। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही प्लास्टिक शील्ड भी जरुरी कर दी गई थी। अगस्त 17 को अपने बेटी से वीडियो कॉल में बात करता कोरोना मरीज। इस महामारी में कई लोग अपने आखिरी वक्त में अपने रिश्तेदारों से मिल नहीं पाए थे। उन्हें सिर्फ मोबाइल के जरिये बात करने की इजाजत थी।

 

 

अक्टूबर 7 को कैद इस तस्वीर में फोटोग्राफर ने दिखाया कि कैसे महामारी के बाद लोग छोटी-छोटी चीजों में खुश रहना सीख रहे थे। इस दौरान मेन्टल पीस के महत्व को लोगों को बताया गया। साथ ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये ही आपस में कांटेक्ट कर रहे थे। नवंबर 26 में थैंक्सगिविंग के दौरान कई लोगों के जमा होने पर रोक लगी थी। ऐसे में लोग कुछ इस तरह एक या दो मेंबर्स के साथ ही सेलेब्रेट करते नजर आए। छुट्टियों के दौरान लोग आपस में नहीं मिल पाए।

 

 

फरवरी 8 2021 में अमेरिका में इंजेक्शन आ जाने के बाद अपनी बारी का इन्तजार करते लोग। इस दौरान लोगों ने कई कई दिन लाइन में लगकर अपनी बारी का इन्तजार किया। एक साल के इन्तजार के बाद वैक्सीन रोल आउट हुआ। अब जल्द इस महामारी के खत्म होने का इन्तजार चल रहा है।

 

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