उत्तराखंड

बारिश से बढ़ा टिहरी झील का जलस्तर, खतरे में कई गांव..

बारिश से बढ़ा टिहरी झील का जलस्तर, खतरे में कई गांव..

 

 

 

उत्तराखंड: भारी बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं झील के किनारे बसे गांवों के लोग भी जाग-जागकर रात काटने को मजबूर हैं। झील किनारे स्थित उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के कई गांव एक बार फिर खतरे की जद में आ गए हैं। टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोग आने वाली आपदा की आशंका से डरे हुए हैं। पहाड़ में हो रही भारी बारिश से न सिर्फ नदियां उफान पर हैं, आपको बता दे कि टिहरी बांध की झील का पानी भी 828 यूआरएल मीटर बढ़ गया है।

 

इससे टिहरी के अलावा उत्तरकाशी के कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। चिन्यालीसौड़ के आसपास के इलाकों में स्थित आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले लोग डर की वजह से रात-रातभर सो नहीं पाते। स्वास्थ्य केंद्र, वाल्मीकि बस्ती, नागणीसौड़, पीपलमंडी, ऊर्जा निगम स्टोर, वन विभाग आदि स्थानों पर भवनों में दरार आने के कारण खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि झील का जलस्तर बढ़ते ही कई स्थानों पर कटाव होना शुरू हो जाता है।

 

साल 2010 के बाद ये स्थिति लगातार बनी हुई है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, लेकिन चिन्यालीसौड़ की सुरक्षा के लिए अब तक कदम नहीं उठाए गए। जो सुरक्षात्मक कार्य हो भी रहे हैं, उनकी रफ्तार बेहद धीमी है। चिन्यालीसौड़ और आसपास के क्षेत्र में टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर से सुरक्षा के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। बीते रविवार को भी टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से जोगत रोड के 10 मीटर हिस्से में भूकटाव हो गया।

 

लोगों में प्रदेश सरकार को लेकर भी नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने 830 यूआरएल मीटर जलस्तर भरने का आदेश देकर चिन्यालीसौड़ के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते हर वर्ष चिन्यालीसौड़ के लोगों को बढ़ते जलस्तर के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षात्मक कार्यों में तेजी लाने के प्रयास नहीं किए जा रहे।

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top