उत्तराखंड

‘मिट्टी के चित्रों’ से सुनहरे भविष्य की लकीरें खींचता रजत

संजय चौहान
जिस उम्र में बच्चे मोबाइल, लैपटॉप, सिनेमा हाॅल, घूमने की जिद करते है उस उम्र में गोपेश्वर के रजत बिष्ट, मिट्टी से अपने सुनहरे भविष्य की लकीर खींच रहे हैं। गोपेश्वर के उत्तराखंड पब्लिक स्कूल(पीस) में कक्षा 11वीं का छात्र रजत बिष्ट की प्रतिभा हर किसी को प्रभावित कर रही है। रजत बचपन से ही पेंटिंग का शौकीन है। लेकिन कक्षा 6 से उसने पेंटिंग को गंभीरता से लेना शुरू किया और आज वह बेहतरीन पेंटिंग बना लेता है। रजत की बनाई पेंटिंग हर किसी को भा रही है। स्कूल से लेकर पेंटिंग प्रतियोगिताओं में विगत दिनों रजत की मिट्टी से बनाई पेंटिंग चर्चा में हैं।


रजत ने कविता पोस्टर विधा के पुरोधा स्वर्गीय बी.मोहन नेगी जी की मिट्टी की एक पेंटिंग बनाई तो सहसा विश्वास नहीं हुआ। लेकिन खुशी भी हुई कि इतनी छोटी उम्र में रजत बीमोहन नेगी जी को पहचानता था। रजत अभी तक 20 से अधिक मिट्टी की पेंटिंग और 50 से अधिक पेंसिल चित्र बना चुका है। मूल रूप से तोलसैण-बारतोली निवासी रजत के पिताजी वर्तमान में जल संस्थान गोपेश्वर में कार्यरत हैं। बकौल रजत ‘मैं अपना कैरियर पेंटिंग में बनाना चाहता हूँ। मेरे पिताजी और मां मेरे हर कदम पर सहयोग करते हैं। मैं पेंटिंग के जरिए उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और पहाड़ को नई पहचान दिलाना चाहता हूँ। अभी तो मैंने इस ओर कदम बढाये हैं, बहुत लंबा रास्ता तय करना बाकी है।’

‘मिट्टी के चित्रों’ से सुनहरे भविष्य की लकीरें खींचते रजत को हमारी ओर से भविष्य की ढेरों शुभकामनायें। आशा करते है कि आने वाले दिनों मे रजत, पेंटिंग विधा के जरिए जनपद ही नहीं पूरे राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top