उत्तराखंड

36 लाख में पेपर खरीदकर अभ्यर्थियों को बताने वाले दो कर्मचारी गिरफ्तार..

36 लाख में पेपर खरीदकर अभ्यर्थियों को बताने वाले दो कर्मचारी गिरफ्तार..

 

 

 

 

 

 

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ को एक और सफलता मिली है। इस बार 36 लाख रुपये में पेपर खरीदकर हल करने वाले एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

 

उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ को एक और सफलता मिली है। इस बार 36 लाख रुपये में पेपर खरीदकर हल करने वाले एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने कुछ अभ्यर्थियों को देहरादून बुलाकर उन्हें प्रश्नों के उत्तर मुहैया कराए थे। इनमें से एक खुद भी परीक्षा में शामिल हुआ और 573वीं रैंक हासिल की थी। इस मामले में एसटीएफ अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह का कहना हैं कि आरोपियों से पूछताछ और विवेचना में कई नए लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें से सेलाकुई स्थित एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कनिष्ठ क्लर्क दीपक चौहान निवासी भन्सवाड़ी, टिहरी गढ़वाल (हाल निवासी बालावाला) और भावेश जगूड़ी निवासी जोगत पट्टी, दिचली उत्तरकाशी (हाल निवासी विद्या विहार, कारगी चौक) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी वहां उपनल के माध्यम से भर्ती किए गए हैं।

पूछताछ में दीपक चौहान ने कहा कि वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के कर्मचारी जयजीत को जानता था। जयजीत दास यूनिवर्सिटी में आता-जाता रहता था। दीपक ने जयजीत से 36 लाख रुपये में पेपर खरीदा था। इसकी जानकारी उसने अपने साथी भावेश जगूड़ी को भी दी थी। इसके बाद भावेश कुछ अभ्यर्थियों के संपर्क में आया और उन्हें देहरादून बुला लिया। यहां अभ्यर्थियों से पेपर हल करने के बदले लाखों रुपये लिए गए। भावेश खुद भी इस परीक्षा में शामिल हुआ और 573वीं रैंक हासिल की।

गूगल सर्च हिस्ट्री से भी हुई पुष्टि

एसटीएफ ने दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबरों की भी जांच की। इसके बाद इनकी इंटरनेट सर्च हिस्ट्री चेक की गई। पता चला कि दोनों ने परीक्षा से एक दिन पहले सभी प्रश्नों के उत्तर गूगल पर सर्च किए थे। इसकी तस्दीक होने से आरोपियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य भी मिल गए। आरोपियों को अभ्यर्थियों से कितने रुपये मिले थे, इसकी जांच की जा रही है।

आपको बता दे कि पकड़े गए आरोपी भावेश जगूड़ी और दीपक चौहान उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से भावेश वर्ष 2014 से 2017 और दीपक वर्ष 2017 से 2020 के बीच संगठन के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। वर्तमान में वे उपनल के माध्यम से एचएनबी यूनिवर्सिटी के वित्त एवं सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यरत हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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