प्रवासियों को रोजगार देने में राज्य सरकार नाकाम..
जिले में रोजगार के संसाधन के बावजूद भटक रहे प्रवासी…
रुद्रप्रयाग। केंद्र व राज्य सरकार उत्तराखंड के प्रवासियों को रोजगार देने में असफल रही है। करीब छः महीने होने को है और प्रवासियों के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है, जबकि छोटे-छोटे काम देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सकता था। वर्तमान में विकट स्थतियां पैदा हो गई है और सरकार मौन बैठी है।
यह बात पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। रुद्रप्रयाग में कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कंडारी ने कहा कि पहाड़ में नदियां बह रही और यहां बड़ी मात्रा में मछलियां है। जब उनका शिकार होना ही है तो, सरकार को यहां के युवाओं को लाइसेंस देकर मछली मारने की अनुमति देनी चाहिए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। नदियों के अलग अलग स्थानों पर जॉब बनाकर लोगों को रोजगार दिया जाए। सरकार बकरी पालन, भेंड पालन, खरगोश पालन, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन में लोगों को प्रोत्साहन दे। कंडारी ने कहा कि प्रवासियों को उनकी दिक्क्त को देखते हुए पांच लाख की राहत राशि उपलब्ध कराई जाए।
यदि ऐसा नहीं कर पा रही है तो प्रवासियों को पांच लाख का ब्याज रहित ऋण दें, ताकि लोग अपना रोजगार शुरू कर सके। कहा कि सरकार चाहती तो बरसात के मौसम है। बड़ी संख्या में प्रवासी युवाओं को वृक्षारोपण करवाती और उन्हें इसका मेहनताना देती, मगर प्रवासियों के लिए कुछ भी योजना नहीं है। पहाड़ में काफल, भमोर, घिंघारू, सेब आदि की काफी डिमांड है इस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। उन्होंने दोनों सरकारों पर आरोप लगाया कि वह जन हित में कोई काम नहीं कर पा रहे हैं और महज लोगों को गुमराह कर रही है इससे आने वाले समय में विकट परिस्थितयां आएंगी। कहा कि दोनों सरकारों के पास अब भी वक्त है कि वह जाग जाएं। प्रवासियों को भटकने न दें। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी एक हवा बनाया है। सरकार को चाहिए था कि सारी जनता को काबू में करती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
शुरूआत में कोरोना के मरीजों को अपने प्रदेश के निश्चित स्थानों में रखना चाहिए था और उन्हें समुचित इलाज देना था साथ ही अन्य लोगों को राहत दी जाती, मगर केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही से अब मामले बढ़ रहे हैं। इसका असर हर व्यक्ति पर पड़ा है। जरूरत की चीजों के दाम बढ़ गए हैं। कारखाने बंद हो गए है लोग बड़ी मात्रा में बेरोजगार हो गए हैं। रोजगार, उद्योग, परिवहन, स्कूल की पढ़ाई सभी चैपट है। लोग बड़ी परेशानियों में है और सरकार सो रही है। कहा कि सरकार जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों का विस्थापन करें। जहां जमीन उपलब्ध है वहां शीघ्र विस्थापन किया जाए।
जबकि आपदा प्रभावित गांव और जमीन में वन विभाग के सहयोग से सघन वृक्षारोपण करें। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट और पूर्व राज्य मंत्री देवेंद्र सिंह झिंक्वाण ने सरकार की विफलताओं पर आक्रोश व्यक्त किया। कहा कि जल्द ही कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करेंगी। इस मौके पर शैलेंद्र भारती, बंटी जगवाण, मनोहर सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह राणा, वीरपाल सिंह जगवाण, नरेंद्र रावत आदि मौजूद थे।