उत्तराखंड

पीएम मोदी ने किया अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का शिलान्यास..

पीएम मोदी ने किया अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का शिलान्यास..

30 मिनट में पूरी होगी सात घंटे की दूरी..

 

 

 

 

 

 

 

केदारनाथ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी। परियोजना से जुड़े नेशनल हाईवे लॉजिस्टक मैनेजमेंट लिमिटेड के अभियंता ने बताया कि प्रधानमंत्री को वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के माध्यम से परियोजना के बारे में जानकारी दी गई।

 

 

उत्तराखंड: केदारनाथ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी। परियोजना से जुड़े नेशनल हाईवे लॉजिस्टक मैनेजमेंट लिमिटेड के अभियंता ने बताया कि प्रधानमंत्री को वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के माध्यम से परियोजना के बारे में जानकारी दी गई। खास बात यह है कि यह रोपवे केदारनाथ धाम पहुंचने तक 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह केदारनाथ और गौरीकुंड को जोड़ेगा। दोनों स्थानों के बीच की दूरी मौजूदा 6-7 घंटों की तुलना में लगभग 30 मिनट में तय की जाएगी।

वहीं, केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल गए। वहां से लौटकर पीएम ने पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद वे बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद राज्य सरकार की यह कोशिश होगी कि रोपवे या केबिल कार का प्रोजेक्ट कम से कम एक से दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाए।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड को सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे या केबल कार परियोजना बनाने का काम दिया गया है। एजेंसी प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार, परियोजना को जून 2026 तक पूरा करना होगा। 9.70 किमी लंबी इस परियोजना पर 1268 करोड़ खर्च होंगे।

आपको बता दे कि केदारनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दो ही तरीके हैं। पहला पैदल यात्रा है, हालांकि यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण है। दूसरा विकल्प, रोपवे या केबल कार, विकलांगों, बुजुर्गों और सैन्य कर्मियों के लिए यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। वहीं, केदारनाथ रोपवे के बनने से राज्य में हेली सेवाएं बाधित होंगी।हिमालय की सर्वाधिक खतरनाक घाटियों में से एक केदारनाथ के लिए हेली टैक्सी यात्रा बेहद जोखिम भरी मानी जाती है। रोपवे बनने के बाद केदारनाथ जाने के लिए हेली सेवा का उपयोग करने की लोकप्रियता कम हो जाएगी। रोपवे या केबल कार का उपयोग पर्यटकों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि यह सुरक्षित और किफायती है।

 

 

 

 

 

 

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