उत्तराखंड में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग की अनुमति अब सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगी..
उत्तराखंड: सरकार ने राज्य में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग गतिविधियों को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। अब इन गतिविधियों के लिए अनुमति लेने की प्रक्रिया को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को वन विभाग को इस संबंध में व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में पर्वतारोहण व ट्रेकिंग के लिए अलग-अलग विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है, जिससे प्रक्रिया जटिल हो जाती है। सिंगल विंडो सिस्टम लागू होने से एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों को एक ही प्लेटफॉर्म से सभी आवश्यक अनुमतियाँ मिल सकेंगी। राज्य सरकार का यह कदम उत्तराखंड को एडवेंचर टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। इसके जरिए पर्यटन को गति मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले साहसिक पर्यटकों को अब सभी आवश्यक अनुमतियाँ एक ही आवेदन के माध्यम से प्राप्त हो सकेंगी। उन्होंने वन विभाग को इस प्रणाली को शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि पर्वतारोहण, ट्रेकिंग और अन्य ईको टूरिज्म गतिविधियों को समय पर और व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा सके, इसके लिए एक वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। यह कैलेंडर योजनाबद्ध तरीके से संबंधित विभागों के कार्यक्रमों के अनुसार संचालित होगा।राज्य सरकार के इस फैसले से उत्तराखंड में एडवेंचर और ईको टूरिज्म को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इसके जरिए जहां पर्यटकों को सुविधाजनक और पारदर्शी अनुमति प्रक्रिया मिलेगी, वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी सृजित होंगे।
उत्तराखंड सरकार राज्य में पारिस्थितिकी पर्यटन (ईको टूरिज्म) को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयासों में जुट गई है। शुक्रवार को सचिवालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि प्रकृति से बिना छेड़छाड़ किए, छोटे-छोटे प्रयासों से ईको टूरिज्म को विकसित किया जा सकता है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में फॉरेस्ट वॉकिंग, नेचर ट्रेल जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए ताकि पर्यटक प्रकृति के करीब आ सकें। इसके साथ ही उन्होंने वन विभाग को राज्यभर में कैंपिंग साइट्स की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे साहसिक और प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्य में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की अनुमति प्रक्रिया को सरल करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया जाएगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को एकल आवेदन प्रणाली से सभी प्रकार की अनुमतियाँ मिल सकें। मुख्य सचिव ने सभी गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार करने और उसे विभागीय योजनाओं के अनुरूप लागू करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने पर्यटकों की संख्या एवं राजस्व के लक्ष्यों को बड़ा रखने के निर्देश दिए। कहा कि आने वाले समय में योजनाएं लक्ष्यों के अनुरूप बनाई जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अलग-अलग प्रभागों में अलग-अलग संचालित हो रही पर्यटन गतिविधियों अथवा योजनाओं के लिए अलग-अलग वेबसाइट्स के बजाय एक एकीकृत वेबसाइट तैयार की जाए ताकि पर्यटकों को एक ही जगह पर सभी सभी पर्यटन गतिविधियों की संपूर्ण जानकारी मिल सके। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (वन पंचायत) बीपी गुप्ता एवं प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्र, मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
