उत्तराखंड

तो क्या गरूडचट्टी की साधना ने मोदी को बनाया पीएम!

केदारनाथ। केदारनाथ की दिव्य भूमि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फ़िर से यहाँ खींच लाई। मौक़ा था, नई केदारपुरी की आधारशिला रखने का, मगर पीएम मोदी अपनी युवावस्था के क़रीब 16 महीनों को नहीं भूल पाए और गरूडचट्टी आश्रम की यादें उनके सम्बोधन में आख़िरकार आ ही गई।

पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सार्वजनिक तौर पर अपनी गरूडचट्टी की पुरानी यादों को आम श्रद्धालुओं और देश वासियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि वह केदार भूमि में रम गए थे। यहीं से बाबा केदार ने उन्हें देश वासियों की सेवा के लिए भेजा। अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार फ़िर बाबा ने मुझे बुलाया है। बाबा के चरणों में खिंचा चला आया हूँ। केदारनाथ में आज मुझे पुराने लोग मिल गए। उन्होंने मुझे पुरानी यादें स्मरण कराई। उन्होंने कहा कि कभी उन्हें गरूडचट्टी में जीवन के महत्वपूर्ण पल बिताने का मौक़ा मिला था। इसी समय वह इस मिट्टी में रम गए थे। लेकिन शायद बाबा कि इच्छा नहीं थी कि मैं उसके चरणों में जीवन व्यतीत करूँ।

बाबा ने मुझे यहाँ से वापस भेज दिया। शायद बाबा ने तय किया होगा कि एक बाबा क्या देश के सवा सौ करोड़ बाबाओ की सेवा करो। हमारे यहाँ तो कहा ही गया है जन सेवा ही प्रभु सेवा है। इसलिए आज मेरे लिए सवा सौ करोड़ देश वासियों की सेवा बाबा की सेवा है, बदरी विशाल की सेवा है। यही मंदाकिनी की सेवा है। यही गंगा माँ की सेवा है।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी केदारनाथ धाम से डेढ किमी पीछे गरूड़ चट्टी नामक स्थान पर साधना की थी। अस्सी के दशक में पीएम मोदी समय-समय पर बाबा केदार के दर्शनों के लिए आते रहे। इतना ही नहीं गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2002 में भी वह केदारनाथ आये थे। आपदा के बाद गरूड़चट्टी का नामोनिशान ही मिट गया। जिसके बाद से आज तक इस स्थान को लेकर कोई कार्य नहीं किया गया है। इस बार उम्मीद जताई जा रही थी कि पीएम के केदारपुरी आगमन पर गरूड़ चट्टी स्थान को पुनः जीवित करने की घोषणा होगी। आपदा से पहले गरूड़ चट्टी यात्रा का मुख्य पड़ा रहा। यहां पर ठहरने के लिए कई धर्मशालाएं और आश्रम थे। जब केदारनाथ में सैलाब आया तो हजारों लोगों ने गरूड़ चट्टी में पनाह लेकर अपनी जिंदगी बचाई थी, लेकिन अब केदारनाथ के लिए नया पैदल मार्ग बनाये जाने से गरूड़ चट्टी वीरान हो गई है।

केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती भी उस दौरान पीएम मोदी से मिलने के लिए गरूड़ चट्टी जाया करते थे। उनकी पीएम मोदी से खास मित्रता थी। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद श्रीनिवास पोस्ती उनसे मिलने भी गये। वे उस दौर की याद का ताजा करते हुए बताते हैं कि 1985 व 86 के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने गरूड़ चट्टी में साधना की थी। मोदी करीब डेढ़ माह तक तक यहां रहे। उस दौरान पीएम मोदी केदार बाबा के दर्शनों के बाद ही चाय पिया करते थे। पोस्ती कहते हैं कि दो तीन बार उन्होंने साथ में बाबा केदार के दर्शन भी किए। उनके अनुसार मृदुभाषी मोदी उनके लाॅज में आकर केदारनाथ के बारे में पूछा करते थे। आज पीएम मोदी से उन्होंने पुरानी यादें ताज़ी की।

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