उत्तराखंड

माणा गांव से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत कर सकते हैं पीएम मोदी..

माणा गांव से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत कर सकते हैं पीएम मोदी..

चीन-नेपाल सीमा पर सटे गांवों को सशक्त करने की योजना..

 

 

 

 

 

 

 

 

माणा गांव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विधिवत शुरुआत कर सकते हैं। यह कार्यक्रम नेपाल और भारत-चीन के बीच सीमावर्ती गांवों में प्रवास को रोकने और आबादी को बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है।

 

 

 

उत्तराखंड: माणा गांव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विधिवत शुरुआत कर सकते हैं। यह कार्यक्रम नेपाल और भारत-चीन के बीच सीमावर्ती गांवों में प्रवास को रोकने और आबादी को बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है। जानकारी के अनुसार 21 अक्टूबर को दिवाली के आसपास प्रधानमंत्री उत्तराखंड की यात्रा पर जा सकते हैं। वह देश के अंतिम गांव माणा भी जा सकते हैं। जहां एक जनसभा पर भी चर्चा होगी।

 

बाबा केदार और बद्रीनाथ के दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री आईटीबीपी जवानों के बीच माणा के सीमांत गांव में जाएंगे,जहां वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विधिवत शुरुआत भी कर सकते हैं। चमोली में जिला प्रशासन ने संभावित पीएम के दौरे की तैयारी शुरू कर दी है। बता दे कि प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी पीएम का फाइनल कार्यक्रम नहीं आया है। चर्चा है कि प्रधानमंत्री पहले केदारनाथ जाएंगे जहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद बद्रीनाथ धाम जाएंगे। वहां वह बद्रीनाथ धाम की मास्टर प्लान योजना का भी निरीक्षण करेंगे।

 

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भारत की चीन और नेपाल सीमा पर सटे गांवों को सशक्त करने के लिए बनाई गई है। केंद्र सरकार ने बजट में इसका प्रावधान किया है। कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य इन दूरदराज के गांवों में आवश्यक बुनियादी ढांचे के संसाधनों को तैनात करना है। समुदायों को पानी, बिजली, सिंचाई, सड़क, स्वास्थ्य देखभाल, संचार और अन्य आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच यथासंभव होनी चाहिए। साथ ही गांवों में रोजगार और आजीविका के लिए संसाधनों की उपलब्धता के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से मांगे थे सुझाव..

आपको बता दे कि गृह मंत्रालय ने अप्रैल में प्रदेश सरकार से राज्य के सीमांत गांवों में वाइब्रेंट प्रोग्राम का लाभ देने के संबंध में सुझाव मांगे थे। राज्य में 675 किमी चीन और नेपाल सीमा से सटे गांवों के संबंध में सरकार ने सुझाव भी दिए। जानकारी के अनुसार सीमांत गांवों के लिए चल रही योजनाओं से इतर अन्य योजनाओं के माध्यम से सीमांत गांवों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी है।

 

 

 

 

 

 

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