उत्तराखंड

सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हाईवे पर पैदल आवाजाही शुरू..

सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हाईवे पर पैदल आवाजाही शुरू..

150 मीटर सड़क की हुई अस्थायी मरम्मत..

 

 

उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच आपदा से बही 150 मीटर सड़क की एनएच ने अस्थायी मरम्मत कर दी है। इस हिस्से पर पैदल आवाजाही शुरू हो गई है। यात्रा को जल्द शुरू करने के लिए अन्य स्थानों पर भी हाईवे को दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। 76 किमी लंबे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को बीते 31 जुलाई को आई आपदा से व्यापक क्षति पहुंची है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हाईवे तीन स्थानों पर बह गया है। जिसमें सोनप्रयाग से एक किमी आगे ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप 150 मीटर हिस्सा पूरी तरह से बह गया था। साथ ही मुनकटिया सहित दो स्थानों पर भी भूस्खलन से सड़क को काफी क्षति पहुंची थी। शुक्रवार को एनएच ने आपदा में बहे 150 मीटर हिस्से को अस्थायी तौर पर ठीक कर पैदल आवाजाही लायक बना दिया है।

एनएच के ईई निर्भय सिंह का कहना हैं कि हाईवे पर पैदल आवाजाही होने से फंसे घोड़ा-खच्चरों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। कहा कि सड़क पर क्षतिग्रस्त स्थानों की मरम्मत के लिए पोकलैंड मशीन से कटिंग की जा चुकी है। दूसरी तरफ गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर मरम्मत कार्य जोरों पर चल रहा है। 16 किमी लंबा पैदल रास्ता अतिवृष्टि से 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसमें 16 स्थानों पर रास्ता बह गया है। लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने कहा कि पैदल मार्ग को दुरुस्त करने के लिए 230 मजदूर कार्य कर रहे हैं।

पैदल मार्ग व पड़ावों पर पेयजल सप्लाई बहाल..

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से जगह-जगह पेयजल लाइनों को व्यापक क्षति पहुंची है। यहां कई स्थानों पर पेयजल लाइन के पाइप भी सैलाब में बह चुके हैं। जलसंस्थान ने प्लास्टिक पाइप की मदद से पड़ावों से लेकर केदारनाथ तक अस्थायी तौर पर पानी की सप्लाई बहाल कर दी है। अधिशासी अभियंता अनीश पिल्लई का कहना हैं कि क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों की स्थायी मरम्मत के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

 

 

 

 

 

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