उत्तराखंड के इस जिले में गुलदार के खौफ से लगा नाइट कर्फ्यू..
ग्रामीणों के रात में घर से बाहर निकलने पर पाबंदी..
उत्तराखंड: पहाड़ी जिलों में जंगली जानवरों का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं। गुलदार जंगलों से निकल कर आबादी वाले इलाकों में दाखिल हो रहे हैं। बच्चों-बुजुर्गों पर हमला कर रहे हैं, लेकिन लोगों को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग कोई ठोस कार्ययोजना अब तक नहीं बना पाया है।
आपको बता दे कि पिथौरागढ़ का बजेटी क्षेत्र। तीन दिन पहले यहां गुलदार ने एक बच्ची को अपना निवाला बना लिया था। घटना के बाद से लोग बुरी तरह डरे हुए हैं। घर से बाहर निकलते हुए भी लोगों को डर लग रहा है। शाम होने से पहले ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। मासूम को मारने वाला गुलदार पिंजरे में कैद हो चुका है, लेकिन एहतियात के तौर पर यहां के कुछ क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगी है।
जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने यहां नाइट कर्फ्यू के आदेश दिए हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट नन्दन कुमार का कहना हैं कि जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के निर्देशों के क्रम में जिले के कुछ क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। जिन क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा, उनमें बजेटी, पौण, पपदेव, जी०आई०सी रोड, चण्डाक एवं रई क्षेत्र शामिल हैं।
इन इलाकों में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। तीन दिन पहले मासूम मानसी को मारने वाले गुलदार को पकड़ जरूर लिया गया, लेकिन खतरा टला नहीं है। अब यहां नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू शाम छह बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा।
डीएम ने प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली पिथौरागढ़, उप प्रभागीय वनाधिकारी और जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि वह समय-समय पर क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर आम जनमानस को कर्फ्यू के बारे में सूचित करें। आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।