उत्तराखंड

काश्तकार बदलते दौर के अनुरूप स्वयं को करें तैयार: गोयल..

कोट मल्ला में औषधीय पौध रोपण का कार्यक्रम..

उन्नतशील काश्तकारों को डीएम ने किया सम्मानित..

 

 

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कृषि विभाग की ओर से प्रायोजित औषधीय पौध रोपण में उपस्थित कास्तकारों को बदलते दौर के अनुरूप स्वयं को तैयार करने की प्रेरणा देते हुए उनके कृषि क्षेत्र में बढ़ते रूझान की सराहना की। इस दौरान क्षेत्र के उन्नतशील कृषकों को सम्मानित भी किया गया।
प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह चैधरी ‘जंगली‘ कृषि फार्म कोटमल्ला में कृषि विभाग द्वारा आयोजित औषधीय पौध रोपण कार्यक्रम में डीएम ने औषधीय पेड़ रोजमैरी का रोपण करते हुए अन्य कास्तकारों को भी प्रेरणा दी।

 

राष्ट्रीय कृषि प्रसार एवं प्रोद्योगिकी मिशन के अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा इनोवेटिव गतिविधियों की शुरूआत न्याय पंचायत मरोड़ा से की गयी। क्षेत्र के कोटमल्ला गांव में एक हेक्टेयर भूमि पर 10 लाख 97 हजार रूपये की लागत से विभागीय एवं मनरेगा के संयुक्त प्रयासों से औषधीय पौध रोपण योजना की शुरूआत बुधवार को जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कोट मल्ला गांव पहुंचकर की। उन्होंने स्वयं अपने हाथों पौध रोपण किया व बड़़़ी संख्या में मौजूद कास्तकारों के साथ स्वरोजगार एवं आजीविका पर चर्चा परिचर्चा की। जिलाधिकारी ने महिला कृषकों एवं युवाओं की स्वरोजगार के प्रति बढ़ रहे जज्वे को उन्नति की दिशा में सराहनीय कदम बताया।

 

जिलाधिकारी ने आजीविका बनाने के साथ बढाने पर भी जोर दिया व इसके लिए कई जरूरी टिप्स उपस्थित कास्तकारों को दिए। उन्होंने कहा कि निश्चित है की शुरूआती दौर में परेशानियां आती हैं। इससे विचलित नहीं होना है। जिलाधिकारी ने कास्तकारों को अन्य भूमि भी चिन्हित करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि फलोत्पादन भी आजीविका से जोड़ा जाय। उन्होने उपस्थित अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि कागजी कार्यवाही के चक्करों में जनहित के कार्यो में अनावश्यक विलम्ब न करें। महिला कास्तकारों की मांग पर जिलाधिकारी ने मनरेगा से सुअर रोधी दिवार व हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होने स्पष्ट किया कि मेहनत करे व प्रशासन हर मदद जनता को देगा।

 

 

मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा ने कृषि विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी कृषकों को दी और बताया कि प्रथम चरण की शुरूआत कोट मल्ला से की गई है। इसके अलावा न्याय पंचायत सकलाना, बजीरा व धरियांज भी योजना में प्रस्तावित है। प्रसिद्ध पर्यावरण विद जगत सिंह चौधरी जंगली ने अपने संबोधन में छोटे कृषकों की आजीविका वृद्धि के लिए कृषि विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम को सतत जारी रखने का आवाहन किया। परियोजना के तकनीकी विशेषज्ञ अजय पंवार ने विस्तार से औषधीय पौधों से होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला।

 

इससे पूर्व जिलाधिकारी एवं पर्यावरणविद ने औषधीय पौध रोपण हेतु तैयार की गयी एक हेक्टेअर कृषि भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया व पानी, आपूर्ति की स्थिति का जायजा लिया। कास्तकारों द्वारा रोजमैरी एवं डेन्डोलियोन पौधरोपण की शुरूआत की गई। इस दौरान प्रगतिशील कृषकों को भी सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधान कोट श्रीमती सुमन देवी, एसबीआई प्रबंधक, राद्यवेन्द्र चैधरी, नागेन्द्र कपरवान, अजय टम्टा, कास्तकार हरेन्द्र सिंह, श्रीमती गीता देवी, श्रीमती प्रभा देवी, लक्ष्मण चैधरी, प्रीतम सिंह, श्रीमती मोहनी देवी सहित बड़ी संख्या मेे स्थानीय कास्तकार राजस्व कृषि व ग्राम्य विकास के स्थानीय कर्मी भी मौजूद रहे।

 

 

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