-फील्ड कार्मिकों की आमसभा से एंबुलेंस सेवाओं पर पड़ा असर
-कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई का किया ऐलान
-केकेएस के फील्ड कर्मचारियों के साथ डीएवी कॉलेज के पूर्व महासचिव भगवती प्रसाद मैंदोली
देहरादून : बुधवार परेड ग्राउंड धरनास्थल पर 108 और केकेएस के फील्ड कर्मचारियों की चल रही हड़ताल को समर्थन देने के लिए डीएवी कॉलेज के पूर्व महासचिव भगवती प्रसाद मैंदोली व वर्तमान महासचिव सुरवीर सिंह चौहान आर्यन जिला अध्यक्ष सोनू बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह बर्थवाल, संदीप कुकरेती, आशीष रावत , संजय चंद, शशांक सती, रोहित, विवेक नेगी शुभम आदि पहुँचे..
भगवती प्रसाद ने पूरे आंदोलन को समर्थन देने की बात कही कहा सरकार और शासन का कर्मचारियों के प्रति उदासीन रवैया अच्छा नहीं है वैसे ही प्रदेश ने युवाओं की स्थिति बेरोजगारी का है ऐसे स्थिति में 108 कर्मचारियों का आंदोलन उत्तराखंड में एक सवाल खड़ा करता है
जल्द ही इनकी मांगो को ध्यान में रखते हुए उचित कार्यवाही की जाय जिससे चरमराई स्वास्थ्य सेवायें दुबारा जमीनी स्तर पर काम करे
बता दे इस से पहले भी नौकरी छूटने की आशंका से घिरे 108 सेवा के कर्मचारियों ने राजधानी में प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई थी। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से सचिवालय कूच की अनुमति मांगी थी, जो आचार संहिता के चलते नकार दी गई थी। भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में बुधवार को जीवीके एमआरआई 108 सेवा के करीब 900 कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन किया था। प्रशासन से सचिवालय कूच की अनुमति नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही आमसभा की। बाद में उन्होंने बलबीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के ओएसडी ऊर्बादत्त भट्ट से मुलाकात की। भट्ट ने कर्मचारियों को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद उत्तराखंड 108 एवं केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ ने दोबारा धरना स्थल पर पहुंचकर जल्द अगली रणनीति बनाने की बात कही।
कर्मचारियों के प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता और आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान भी पहुंचे थे । उन्होंने इस संबंध में सरकार से वार्ता करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि कोई भी बेरोजगार नहीं होगा। संघ के प्रदेश सचिव विपिन चंद्र जमलोकी ने बताया कि एक साथ 900 परिवारों की अजीविका चली गई है। नई कंपनी कह रही है कि उन्हें आधी तनख्वाह दी जाएगी। संघ अध्यक्ष नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि कई कर्मचारियों के बच्चों की फीस तक जमा नहीं हुई है। उन्हें स्कूल से नोटिस मिल रहे हैं।