बिहार के नालन्दा जिले में देश का दूसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज एवं पहला स्काई हैंगिंग वॉक..
सीएम नीतीश कुमार ने किया ग्लास ब्रिज का निरीक्षण..
देश-विदेश : मुख्यमंत्री नीतीश ने राजगीर के निर्माणाधीन जू सफारी एवं नेचर सफारी में निर्माणाधीन ग्लास फ्लोर ब्रिज एवं स्काई हैंगिंग वॉक का निरीक्षण किया. यह देश का दूसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज एवं पहला स्काई हैंगिंग वॉक होगा. ये दोनों इको टूरिज्म स्थल जंगल क्षेत्र में अवस्थित हैं, इसलिए सीएम ने अधिकारियों को सिक्युरिटी, सेफ्टी एवं प्रोटेक्शन का पूरा ध्यान रखने का निर्देश दिया है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यहां आकर देखने और घूमने से सभी लोगों को प्रकृति के संबंध में काफी जानकारियां मिलेंगी और वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित होंगे.
बिहार के नालन्दा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में पूर्वोत्तर भारत का पहला ग्लास ब्रिज बनकर तैयार हुआ है. इसका मकसद पहले से और ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा वेणुबन की भी अत्याधुनिक तरीके से सजावट की जा रही है, ताकि पर्यटक यहां आकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सके. चीन के हांगझोऊ प्रांत के में स्थित 120 मीटर ऊंचे कांच के पुल की तर्ज पर ही इसका निर्माण किया गया है.
जू सफारी पार्क में आकर्षित करने वाले दर्शनीय पार्क का निर्माण हो रहा है. दरअसल बिहार का प्राकृतिक सौंदर्य राजगीर में जू सफारी पार्क में नेचर सफारी पार्क, तितली पार्क, आयुर्वेदिक पार्क, विभिन्न प्रजातियों के प्रसिद्ध देशी विदेशी पेड़ पौधे का दीदार करने के लिए अब नये साल में बिहारवासियों को सौगात मिलने वाली है.
सेंट्रल जू ऑथॉरिटी से भी जू सफारी पार्क को मान्यता मिल गयी है. नए साल यानी 2021 में इसे आम जनता के लिए खोला जा सकता है
यह नजारा चीन का नहीं नालंदा का है…
नालन्दा बिहार के नालन्दा जिले के अंतरास्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में पूर्वोत्तर भारत का पहला ग्लास ब्रिज बनकर तैयार हुुुुआ है. इसका मकसद पहले से और ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा वेणुबन की भी अत्याधुनिक तरीके से सजावट की जा रही है, ताकि पर्यटक यहां आकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सके. चीन के हांगझोऊ प्रांत के में स्थित 120 मीटर ऊंचे कांच के पुल (Glass Bridge) की तर्ज पर ही इसका निर्माण किया गया है.
पर्यटन विभाग अपनी इस योजना के तहत कई तरह की तैयारियां कर रहा है और इस योजना को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है. इसके तहत जू सफारी पार्क के अंदर नेचर सफारी पार्क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमेें पूर्वोत्तर भारत के पहले ग्लास ब्रिज का निर्माण कार्य कराया गया है.
नालंदा, बिहार समेत पूर्वोत्तर भारत के लिए यह खुशखबरी की बात है. सेंट्रल जू ऑथारिटी से भी जू सफारी पार्क को मान्यता मिल गयी है. नये साल यानी 2021 में इसे आम जनता के लिए खोला जा सकता है.
इसके साथ ही राजगीर में करोड़ो रुपये की लागत से ही विश्व शांति स्तुप पर चढ़ने के लिए पुराने रोपवे की जगह नये आठ शीटर बाली रोपवे का भी निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। उसे भी फरवरी महीने तक पर्यटकों के लिए खोले जाने की सम्भावना है.