उत्तराखंड

जब भी बड़े संकट में आये, हरक ने आंसू छलछलाए..

जब भी बड़े संकट में आये, हरक ने आंसू छलछलाए..

हरक का रुदाली दांव, क्या पलटेगा चुनाव?

 

 

 

राजनीति यदि एक रंगमंच है तो हरक सिंह रावत भी उस रंगमंच के धुरंधर कलाकार हैं। बता दे कि सियासी मंच पर उनके किरदार अकसर बदलते रहते हैं।

 

 

उत्तराखंड: राजनीति यदि एक रंगमंच है तो हरक सिंह रावत भी उस रंगमंच के धुरंधर कलाकार हैं। बता दे कि सियासी मंच पर उनके किरदार अकसर बदलते रहते हैं। लेकिन सियासी संकट के सबसे कठिन समय में वह रुदाली दांव अपने आखिरी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। भाजपा से निकाले जाने के बाद उन्होंने फिर रुदाली दांव चला है।

 

सियासी जानकारों से मिली जानकारी के अनुसार कि पिछले दो-तीन दिन से नई दिल्ली में डेरा जमाये हरक को एहसास नहीं था कि भाजपा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने वाली हैं। अचानक पार्टी से निकाले जाने के बाद हरक अभी अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिन मोड पर खड़े माने जा रहे हैं। लेकिन जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं, उन्हें मालूम है कि सियासत के सबसे बुरे दौर में जब-जब हरक फंसे उन्होंने रुदाली दांव से हालात बदलने की कोशिश की। अभी तक तो उनका यह रुदाली दांव कभी खाली नहीं गया है।

 

हर चुनाव से पहले नेता रोते है, फिर पांच साल सोते हैं..

हर चुनाव से पहले नेता रोते हैं, फिर पांच साल सोते हैं, भाजपा से निकाले गए हरक के आंसुओं पर सोशल मीडिया में ऐसे ही अंदाज में लोगों ने अपनी बात रखी। बहू को टिकट दिलाने की जिद की बात सामने आई तो सबने यह भी कहा कि यह मौकापरस्त राजनीति करने वाले लोग हैं।

 

जैसे ही हरक के निष्कासन की खबर के बीच जैसे ही उनके रोने की वीडिया वायरल हुई तो सोशल मीडिया में उनके आंसुओं पर घमासान मच गया। लोग तरह-तरह के कमेंट करने लगे। किसी ने कहा कि पहले नेता रोते हैं और जो उनके आंसुओं के झांसे में आता है, अगले पांच साल वह रोता है।

 

आंसुओं पर सोशल मीडिया पोस्ट का सैलाब अभी थमा भी नहीं था कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक वीडियो सामने आने लगा। इसमें वह कह रहे थे कि जिन्होंने लोकतंत्र की हत्या की थी, उन्हें वापस आने के लिए माफी मांगनी पड़ेगी। इस पोस्ट के बाद लोगों की भावनाएं ज्यादातर पोस्ट में हरीश रावत के साथ नजर आई। लोग कहते नजर आए कि ऐसे बगावती और धोखेबाज नेताओं से दूर ही रहो। कई लोगों ने यह भी कहा कि कल तक तो भाजपा ठीक थी, अब वक्त बदल रहा है तो भाजपा में बुराई और कांग्रेस अच्छी हो गई।

 

आपको बता दे कि सोशल मीडिया में भी अनुकृति गुसाईं को टिकट के मामले पर विरोध के सुर नजर आए। हरक के अपनी पुत्रवधू को टिकट दिलाने के बयान पर लोगों ने स्पष्टतौर पर विरोध जताते हुए कहा कि जो कार्यकर्ता इतने लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उनके बजाए किसी अनजान सी लड़की को टिकट देना कहां की बात हुई। फेसबुक और ट्वीटर पर दिनभर हरक सिंह रावत और उनका निष्कासन छाया रहा।

 

 

 

 

 

 

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