कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का तंज, कहा- अभी उनमें अनुभव की कमी..
उत्तराखंड: कोविड को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जोशी अभी अनुभवहीन हैं। उन्हें अभी काफी कुछ सीखने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक साक्षात्कार में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि उन्होंने जोशी वाला बयान नहीं सुना है।
साथ ही त्रिवेंद्र ने कहा कि 2017 में 1034 डाक्टर थे, जिनको बढ़ाकर 2600 किया गया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ। उनका कहना हैं कि कोरोना की दूसरी लहर की कल्पना किसी ने नहीं की थी। लेकिन उनकी सरकार में 27000 बेड की व्यवस्था की गई थी। उन्हें हटाए जाने की एक वजह कुंभ मेला के आयोजन को सीमित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा कि आलाकमान ने उनको आदेश किया और उन्होंने आदेश को स्वीकार किया। कुंभ कोई वजह नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कोविड कर्फ्यू का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन में कोरोना संक्रमितों के मामले कम हुए हैं। प्रशासन को और अधिक सख्ती दिखानी होगी। साथ ही कोविड कर्फ्यू को अभी और लंबा खींचना पड़ेगा। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पर भी नजर रखनी होगी।
उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं को बयानबाजी से भी बचना पड़ेगा। जनता वरिष्ठ नेताओं के बयानों को बहुत गौर से लेती है। कोरोना संकट में अलग स्वास्थ्य मंत्री की मांग पर त्रिवेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास जो मंत्रालय होता है, वह ज्यादा बेहतर ढंग से चलता है।
वीआईपी को तवज्जो, निशाने पर भाजपा..
चुनावी साल और कोरोनाकाल के दबाव के बीच सत्तारूढ़ भाजपा का वीआईपी कल्चर कहीं उसे भारी न पड़ जाए। कोविड संक्रमण से लोग दहशत में हैं और अब वे स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में उद्घाटनों जैसी औपचारिकताओं पर मुखर विरोध कर रहे हैं। उधर, सत्तारूढ़ भाजपा में इसे लेकर विचार हो रहा है और अब संगठन की ओर से पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संदेश साफ करने की तैयारी है कि कोविडकाल में जनता सर्वोपरि है। इसलिए ऐसे हालात से बचा जाए जो जनता की नाराजगी की वजह बनें हुए हैं।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने वीआईपी को तरजीह दिए जाने के मामले में भाजपा पर निशाना साधा। दोनों दलों ने कोरोना महामारी में भी सियासत करने का आरोप लगाया। हालांकि उनके आरोपों को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर सभी पार्टी विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता की सेवा में जुटें।