भारतीय फुटबॉल संघ को लगा बड़ा झटका, फीफा ने किया सस्पेंड..
फीफा ने भारत से छीनी U17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी..
15 अगस्त की शाम को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को बड़ा झटका लगा। फुटबॉल की विश्व संचालन संस्था फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर AIFF को निलंबित कर दिया।
देश-विदेश: 15 अगस्त की शाम को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को बड़ा झटका लगा। फुटबॉल की विश्व संचालन संस्था फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर AIFF को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही फीफा ने भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा अंडर -17 महिला विश्व कप की मेजबानी छीनने की बात फीफा ने अपनी प्रेस रिलीज में कही है। वहीं फीफा का कहना है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
फीफा ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए अपने बयान में कहा,‘‘फीफा काउंसिल के ब्यूरो ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित करने का फैसला लिया है। यह फीफा के संविधान का एक घोर अपराध है।” इस सस्पेंशन को हटाने पर आगे रिलीज में लिखा गया कि,”निलंबन तभी हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापस लिया जाएगा और एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दिया जाएगा।’’
फीफा का यह भी कहना हैं कि अंडर 17 महिला विश्व कप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में नहीं हो सकता। हम टूर्नामेंट के आयोजन पर चर्चा कर रहे हैं और ब्यूरो ऑफ काउंसिल को यह मामला सौंपा जाएगा। साथ ही फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है।’’ आपको बता दें कि फीफा ने इस महीने की शुरुआत में ही एआईएफएफ को सस्पेंड करने की धमकी दी थी। यह चेतावनी AIFF के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ ही दिनों बाद ही दी गई थी। 28 अगस्त को महासंघ के चुनाव होने हैं और इस मामले में 17 अगस्त बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
क्या है निलंबन का मुख्य कारण?
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में एआईएफएफ को खेल को संचालित करने के लिए फेडरेशन के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एआर. दवे को सौंपी गई थी। वहीं कोर्ट ने 18 मई को AIFF अध्यक्ष प्रफुल पटेल को भी उनके पद से इसी कारण हटा दिया था।
फीफा और एएफसी ने भी अपनी खुद की एक टीम भेजी थी, जो भारतीय फुटबॉल के हितधारकों से मिलने और एआईएफएफ के लिए एक खाका तैयार करने के लिए जुलाई के अंत तक और 15 सितंबर तक चुनाव समाप्त करने के लिए एक ब्लूप्रिंट पर काम कर रही थी। इसी कारण FIFA ने AIFF को धमकी भी दी और अंत में अब तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए निलंबित भी कर दिया।