उत्तराखंड

नगरपालिका क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में, प्रशासन मूकदर्शक

पालिका और प्रशासन पर उठाये लोगों ने सवाल

कोठड़ नाले पर अतिक्रमण पर लोगों ने जताई आपत्ति

शहर में नाले, धर्मशालाएं, मंदिर की भूमि पर बड़ी संख्या में कब्जा

मनमोहन सिंधवाल
श्रीनगर। नौ वार्डो के श्रीनगर नगरपालिका क्षेत्र अतिक्रमणकारियों की चपेट में है, लोगों ने नगर क्षेत्र की धर्मशालाएं, मंदिर की भूमि, यहां तक नालों पर भी अतिक्रमण कर दिया। किंतु पालिका क्षेत्र में बड़ी संख्या में हो रहे अतिक्रमण के प्रति ना तो पालिका प्रशासन कुछ कर रहा है नाहीं ही तहसील प्रशासन। यदि क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण की जांच की जाय तो सैकड़ों अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही हो सकती है।

पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत बासवाड़ा मौहल्ले के बीचों-बीच जाने वाला कोठड़ नाले को भी अतिक्रमणकारियों द्वारा नहीं बख्सा गया। आलम है कि नाले के अगल-बगल पिल्लर डालकर उस पर छत डालकर अतिक्रमण कर दिया। अतिक्रमण करने के बाद गेट बनाकर ताला लगा दिया है। खुले आम नालों पर भी अतिक्रमण पर लोगों ने पालिका व तहसील प्रशासन पर सवाल उठाये है। किंतु पालिका प्रशासन व तहसील प्रशासन इस ओर मूकदर्शक बना हुआ है।

नगर क्षेत्र के धर्मशालाओं, मठ-मंदिरों से लेकर नालों के इर्द-गिर्द बड़ी मात्रा में अतिक्रमण कर लोगों ने अपने भवन किराये के लिए तैयार कर दिये है, किंतु लगातार क्षेत्र में बढ़ रहे अतिक्रमण के प्रति प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। विगत दस सालों के भीतर पालिका क्षेत्र में बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो चुका है, यदि पालिका अपनी जमीन की ढूढ़-खोज करे तो कई अतिक्रमणकारी नप सकते है। यहीं नहीं पालिका की जमीन कई सालों तक लीज पर दे दी गई, जिसकी भी जांच आज तक नहीं हुई।

वार्ड नम्बर एक और दो के बीच बहनें वाले कोठड़ नाले पर भी अतिक्रमण कर गेट लगा दिया है। कोठड़ नाले के ऊपर छत डाल दी है और उसके ऊपर गेट लगाकर बंद कर दिया है। पूर्व सभासद प्रदीप मल्ल ने नाले पर अतिक्रमण को लेकर पूर्व में भी सवाल उठाये गये थे, किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन और तहसील प्रशासन को नगर क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण पर जल्द ध्यान देना चाहिए।

 

दुकानों की पटरियां भी पांच-पांच हजार में बेची
नगर क्षेत्र में दुकानों के आगे बनी पटरियां पर भी बड़ी संख्या में दुकानें लगाई है, नगर क्षेत्र में कई मात्रा में पटरियों पर लगाई गई दुकानों की कीमत पांच से तीन हजार की गई। जो भी जिस दुकान की पटरी में दुकान लगाता है, उसे दुकानवालें को तीन से पांच हजार का किराया दिया जाता है। इस पर भी पालिका प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। यही नहीं नगर क्षेत्र में बड़ी संख्या में ठेली-फड़ वाले भी पहुंच चुके है, जिससे भी शहर में अतिक्रमण बढ़ गया है।

“नगर क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर जल्द प्रशासन जांच करेगा। जहां भी अतिक्रमण होगा उसको हटाया जायेगा। बांसवाडा में नाले में अतिक्रमण के मामले में जल्द जांच होगी।
एसपी गुप्ता, ईओ पालिका श्रीनगर।

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