उत्तराखंड

उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ा खतरा भूकंप, आपदा प्रबंधन के लिए होगा आधुनिक तकनीक का उपयोग..

उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ा खतरा भूकंप, आपदा प्रबंधन के लिए होगा आधुनिक तकनीक का उपयोग..

 

 

 

 

 

 

देहरादून में आपदा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग पर आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन का शुभारंभ सीएम धामी ने किया।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: देहरादून में आपदा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग पर आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन का शुभारंभ सीएम धामी ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्य आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। सिर्फ ‘प्रोएक्टिव अप्रोच’ से ही आपदाओं के प्रकोप को न्यूनतम किया जा सकता है।

सीएम धामी का कहना हैं कि आपदाओं के साथ-साथ भूकम्प हमारे प्रदेश के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इस तरह की आपदाओं से पूर्व चेतावनी के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा आपदा प्रबन्धन विभाग अपने अनुभवों एवं सम्बन्धित संस्थाओं के सहयोग से एक ऐसी प्रणाली विकसित करने में सफल होगा जिससे हम आने वाले समय में अपने राज्य के साथ ही अन्य राज्यों की भी आपदाओं के दौरान मदद करने में सफल हो सकेंगे।

भूकम्प के अलावा ज्यादातर आपदायें बरसात के मौसम में ही घटित होती रही हैं, परन्तु पिछले कुछ वर्षों में आपदाएं हर मौसम में आ रही हैं। इसको देखते हुए राज्य को आपदाओं का सामना करने के लिये विशेष तैयारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में जो भी निष्कर्ष उभरकर सामने आएंगे, वे केवल थ्योरी के लेवल पर ही नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल लेवल पर भी आत्मसात किए जाने योग्य होंगे, और हिमालयी राज्यों में आने वाली प्राकृतिक आपदा के समय आसानी से धरातल पर उतारे जा सकेंगे।

उन्होंने आशा व्यक्त की, कि इस कार्यशाला से जो भी निष्कर्ष निकलेंगे वे हमारे राज्य के लिए ही नहीं बल्कि अन्य हिमालयी राज्यों के लिए भी लाभप्रद होंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सविन बंसल, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित विषय विशेषज्ञ मौजूद थे।

 

 

 

 

 

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