उत्तराखंड

खिड़की से अंदर झाँका तो डॉक्टर का सिर बाल्टी के अंदर था

संदिग्ध परिस्थितियों में पशु चिकित्सा अधिकारी की मौत
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के पशुपालन केन्द्र दुर्गाधार में तैनात पशु चिकित्साधिकारी डाॅ पीके द्विवेदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। हालांकि प्रथम दृष्टिया मौत के कारणों को आत्महत्या बताया जा रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से शव का पंचायतनामा भरकर जिला चिकित्सालय पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

दरअसल, पुश चिकित्साधिकारी डाॅ पीके द्विवेदी मुख्यालय के बेलणी में किराये के भवन पर निवास करते थे। उनकी ड्यूटी मुख्यालय से पन्द्रह किमी दूर पशुपालन केन्द्र दुर्गाधार में थी। वे कल सांय को अपने निवास पर आये, जिसके बाद बुधवार की सुबह ग्यारह बजे तक भी उनके कमरे के भीतर से कोई हलचल न होने पर आस-पास के लोगों को शक होने लगा। उन्होंने खिड़की से झांका तो भीतर डाॅ द्विवेदी का सिर बालटी के अंदर था और वे कोई हलचल नहीं कर रहे थे। जब लोगों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो अंदर से कुंडी लगी थी। इसके बाद मकान मालिक को सूचना दी गई और मकान मालिक द्वारा पुलिस और पशु पालन विभाग को जानकारी दी गई।

मामला राजस्व क्षेत्र का होने के कारण तहसील प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। करीब डेढ़ बजे के करीब तहसील और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। जिसके बाद अंदर की स्थिति देखकर हरकोई हैरान रह गया। डाॅ द्विवेदी के सिर को पीआरडी के जवानों ने बालटी से बाहर निकाला तो डाॅ द्विवेदी के नाक से खून निकलने के साथ ही चेहरे पर सूजन आई हुई थी। शव को बाहर निकालते ही कमरे में बदबू भी फैल गई, जिससे अंदाजा लगाया गया कि डाॅ द्विवेदी की मौत रात को ही हो गई थी। तहसील प्रशासन की टीम द्वारा शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया।

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