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देवरियाताल प्राकृतिक सौन्दर्य का केंद्र..

तुंगनाथ घाटी – भले रुद्रप्रयाग जिला प्रकृति के अद्भुत नजारों को अपने आँचल में समेटे हुए है, लेकिन पर्यटक विभाग की अनदेखी के चलते कई पर्यटक स्थल बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे है। संसाधनों की कमी के चलते अनगिनत पर्यटक स्थल पर्यटकों की नजरों से ओझिल बने हुये है। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल देवरियाल की बात करें तो यहां पक्षियों के कलरव, चारो और हरे-भरे पेड़ तथा शांत वातावरण पर्यटकों की नजरों को ठहरा सी देती है।

बेपनाह खूबसूरती के लिए विख्यात देवरियाताल समुद्र तल सेे लगभग 8 हजार फीट व पर्यटक गांव सारी से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। ताल के चारों ओर ओक पाइन, देवदार, बॉज, बुराश, मोरु, सहित विभिन्न प्रजाति के घनों वृक्ष देवरियाताल के प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चॉद लगा देते है। देरियाताल के चारों ओर फैली छोटी-छोटी पहाडिया तथा विभिन्न जीव-जन्तुओं का विचरण व अलरव पर्यटकों का मन मोह लेते है, तो देवरियाताल से केदानाथ, सुमेरु, चौखम्भा, विषोणीताल, के प्रतिविम्ब के दुर्लभ क्षणों को कैमरे में कैद करना इतना आसान नहीं है।।

क्योकि देवरियाताल पहुंचने पर मौसम का साफ होकर प्रकृति की अनुपम छटा नसीब वालो को ही प्राप्त होती है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में बाणासुर की पुत्री उषा और उसकी सहेली चित्रलेखा ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से देवरियाताल आकर प्रकृति के सौन्दर्य का आनन्द लेकर इस तालाब में स्नान करती थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल से इस तालाब में नाग-नागिन का जोडा़ निवास करता था तथा नाग-नागिन का जोडा़ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं को दर्शन देता था।

एक बार एक नाचने वाले मानव के जोड़े ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर नाग-नागिन के जोडे से बार-बार दर्शन देने की गुहार लगायी, नाग-नागिन के जोडे ने तीसरी बार दर्शन देने पर नाचने वाले मानव की जोड़ी को अपने फनों पर लपेट कर ताल में समा गया। तब से आज तक नाग-नागिन के जोडे ने श्राीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं को दर्शन देना बन्द कर दिया।

 

भादों मास के श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर यहां विशाल मेला लगता है। जिसे देखने के लिये देश-विदेश से पर्यटक व सैलानी पहुंचते है तथा ऊखीमठ, मनसूना, व पर्यटक गांव सारी से भगवान श्रीकृष्ण की झाकियॉ मेले में प्रतिभाग करती है। मेले में स्थानीय कालाकारों व विभिन्न विद्यालयों के नौनिहालों द्वारा भी अपनी प्रतिभा का जौहर प्रस्तुत किया जाता है।

पर्यटक गांव सारी के शीर्ष पर विराजमान देवरियाताल सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील के समान हैं ताल की लम्बाई लगभग 366 मीटर तथा चौडाई 230 मीटर है। दिसम्बर व फरवरी माह तक देवरिया झील बर्ष से घिरी रहती है। देवरियाताल का आधार शिविर व पर्यटक गांव सारी भी बुनियादी सुविधाओं से कोसो दूर है। वहीं वर्षो पूर्व घोषित देवरियाताल रज्जू मार्ग का निर्माण कार्य आज तक शुरु नही हो पाया।

 

यदि प्रदेश सरकार पर्यटन व्यवसाय को विकसित करने के लिये केदारनाथ – मनणी – मद्महेश्वर – विषोणीताल -देवरियाताल -तुंगनाथ -कार्तिक स्वामी तक मास्टर फ्लॉन के तहत इस पैदल ट्रैक को विकसित करती है तो यहां की खूबसूरती को निहारने के लिये निश्चितया पर्यटकों की आमद बढ़ेंगी, जिससें क्षेत्र के तीर्थाटन व पर्यटन को बढावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होगे।

 

साप्ताहिक पंचकेदार दर्शन के विधि सलाहकार अधिवक्ता नागेन्द्र एस0 राणा का कहना है कि देवरियाताल समेत उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों के विकास हेतु राज्य व केन्द्र सरकार के अब तक के किये गये प्रयास नाकाफी साबित हुये है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों के विकास पर मिलकर ध्यान दे तो न केवल इन पर्यटक स्थलों को विश्व मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी, साथ ही सीमान्त क्षेत्रों का भी चहुँमुखी विकास हो सकेगा।

 

क्षेत्र पंचायत प्रमुख शन्त लाल शाह, जिला पंचायत सदस्य परकण्डी वार्ड मीना पुण्डीर व कालीमठ वार्ड संगीता नेगी का कहना है कि देवरियाताल सहित क्षेत्र के अन्य तीर्थ पर्यटक स्थलों के चहुँमुखी विकास के लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे है।

सेन्चुरी वन अधिनियम बना विकास में रोडा़
विकासखण्ड ऊखीमठ के सीमान्त ग्राम पंचायत गडगू, गौण्डार, चिलौण्ड व तोषी के साथ-साथ क्षेत्र के तीर्थ व पर्यटक स्थलों के चहुँमुखी विकास में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक बना हुआ है। देवरियाताल में भी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम लागू होने से पर्यटक स्थल देवरियाताल का चहुँमुखी विकास नहीं हो पा रहा है। पर्यटक स्थल देवरियाताल में भी सेन्चुरी वन अधिनियम लागू होने से यहाँ यातायात, विद्युत, संचार, जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। यदि प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा सेन्चुरी वन अधिनियम में ढील दी जाती है तो आने वाले समय में पर्यटक स्थल देवरियाताल में यातायता, वि़द्युत व संचार जैसी सुविधायें उपलब्ध होगी, जिससें यहाँ आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होगा।

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