उत्तराखंड

देहरादून आईएमए से ट्रेनिंग ले रहे हैं अफगानिस्तान के कैडेट, अधर में लटका भविष्य..

आईएमए में प्रशिक्षण ले रहे 80 अफगानी कैडेट्स अपने भविष्य को लेकर चिंतित..

उत्तराखंड: अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक लगातार जारी हैं। तालिबान द्वारा संपूर्ण कब्जे के बाद से दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग अपना सामान लिए बिना जैसे-तैसे देश छोड़कर जा रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के देहरादून में स्थित आईएमए में प्रशिक्षण ले रहे तकरीबन 80 अफगानी कैडेट्स भी इन दिनों चिंता में आ रखे हैं। अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष की खबरों के बीच देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे 80 अफगानी सैन्य कैडेट अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ये कैडेट यहां से प्रशिक्षण लेकर अफगान नेशनल आर्मी में अधिकारी बनने वाले थे।

 

अब इन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता है कि ये तालिबान के सैनिक बनेंगे या अफगान सेना के ? उनको अपने परिवार की चिंता सताई जा रही है। आपको बता दे कि देहरादून के आई एम ए में वर्तमान में तकरीबन 80 अफगानी कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहे हैं और तालिबान की क्रूरता को देखते हुए और तालिबान का अफगानी सेना के प्रति बरताव देखते हुए दून में मौजूद सभी 80 अफगानी कैडेट्स अपने परिवार को लेकर बेहद चिंतित हैं।

 

जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी में अन्य पड़ोसी देशों के कैडेट्स भी प्रशिक्षण लेते हैं। देहरादून की सैन्य अकैडमी में अब तक 30 मित्र देशों के तकरीबन ढाई हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और इनमें बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के युवा भी शामिल रहे हैं। वर्तमान में देहरादून में 80 अफगानी कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहे हैं। अफगानिस्तान को प्रगतिशील राष्ट्र बनाने के लिए और वहां की सेना को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अफगानी युवाओं को भारत में सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 

पिछले कुछ वर्षों में तकरीबन हर 6 महीने में औसतन 40 अफगानिस्तान कैडेट अकादमी के पास आउट हुए हैं। वर्तमान में अकादमी में अफगानिस्तान के 40 कैडेट्स मौजूद हैं और उनको अपने भविष्य की चिंता के साथ ही अपने परिवार की चिंता भी सताई जा रही है।सुरक्षाबलों के प्रति तालिबान के रवैये को देखते हुए और वहां की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सभी अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं। वहां लोगों के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया जा रहा है और लोग जिस परिस्थिति में रहने पर मजबूर हैं उसको देखते हुए चिंता करना स्वाभाविक है।

 

आईएमए के अधिकारियों का कहना है कि सभी अफगानी कैडेट्स का हौसला बढ़ाया जा रहा है। आईएमए की जनसंपर्क अधिकारी कर्नल हिमानी पंत के अनुसार अफगानी के कैडेट्स को पहले की तरह ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फिलहाल भारत सरकार और सेना मुख्यालय की ओर से निर्देश नहीं आए हैं और अकादमी उनके निर्देशों का इंतजार कर रही है।

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