उत्तराखंड

वैदिन मंत्रोच्चारण के साथ माता की मूर्ति को मंदिर में किया गया स्थापित..

वैदिन मंत्रोच्चारण के साथ माता की मूर्ति को मंदिर में किया गया स्थापित..

दो अप्रैल से होने वाले धार्मिक आयोजन की अंतिम चरण में तैयारियां..

12 वर्षो बाद उफराई देवी मंदिर में अयुत्त महायज्ञ का आयोजन..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में स्थित उफराई देवी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण एवं प्राण प्रतिष्ठा कर माता की मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया। इस दौरान भक्तों केे जयकारों को क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। आगामी दो अप्रैल से 12 वर्षो बाद मंदिर में अयुत्त महायज्ञ का आयोजन को लेकर उफराई देवी मंदिर समिति की तैयािरयां अंतिम चरण में है। मंदिर पैदल मार्ग एवं पौराणिक जलस्त्रोत की साफ सफाई का कार्य भी पूरा हो चुका है। भरदार क्षेत्र के दरमोला, जवाडी, रौठिया, स्वीली, सेम, डुंग्री, तरवाड़ी, कोटली समेत आठ गांवों के सहयोग से सोमवार को उफराई देवी मंदिर में पंचाग पूजा, गणेश पूजा, भद्र पूजा समेत कई पूजाएं संपन्न की गई। इससे पूर्व ग्रामीण पत्थरों की निकासी कर तैयार की गई ढ़ाई फीट चौड़ी व तीन फीट ऊंची माता की मूर्ति को दरमोला गांव से वाद्य यंत्रों एवं ढोल नगाडों के साथ उफराई देवी मंदिर लाया गया। इस दौरान क्षेत्र के विभिन्न देवता नर रूप में अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया।

 

माता की मूर्ति के मंदिर पहुंचने पर भक्तों इसका पुष्प व अक्षतों से जोरदार स्वागत किया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके बाद मूर्ति को सभामंडल में रखा गया। पूजा के लिए नियुक्त पांच ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मूर्ति गंगा, पंच स्नान कराया गया। जिसके बाद मूर्ति की मंत्रों के साथ प्राण प्रतिष्ठा कर सकलीकरण किया गया। मूर्ति का श्रृंगार एवं सूक्ष्म हवन की मां का तिलक किया गया। जिसके बाद ही मूर्ति को मंदिर के अंदर स्थापित किया गया। उफराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवान एवं उपाध्यक्ष विक्रम सिंह पंवार ने बताया क्षेत्र की खुशहाली व समृद्धि के लिए उफराई देवी मंदिर में 12 वर्ष बाद अयुत्त महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2011 में यहां पर महायज्ञ का आयोजन हुआ था। चैत्र नवरात्र शुरूआत यानी दो अप्रैल से देव निशानों के गंगा स्नान के साथ उफराई देवी मंदिर में अयुत्त महायज्ञ का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा।

 

नौ अप्रैल को जल कलश यात्रा एवं दस अप्रैल को पूर्णाहुति के साथ कार्यक्रम का समापन किया जाएगा। उन्होंने सभी आठ गांवों के ग्रामीणों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा की गई। प्रत्येक परिवार से हवन की लकड़ी के साथ ही जौ, तिल व घी लाने की अपील भी की है। इस अवसर पर उफराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवान, उपाध्यक्ष विक्रम पंवार, कोषाध्यक्ष देवराज सिंधवाल, सचिव देव सिंह रावत, सह सचिव नागेन्द्र कप्रवान, संरक्षक जसपाल सिंह पंवार, मंगल सिंह, पुजारी योगेश डिमरी, ब्राह्मण वेदप्रकाश डिमरी, पुष्पानंद डिमरी, विजयानंद, विष्णु प्रसाद, लखपत सिंह, कमल सिंह, पूर्ण सिंह, विनोद पंवार, राकेश पंवार, दान सिंह, जसपाल सिंह, विजय सिंह, शूरवीर सिह समेत बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

 

 

 

 

 

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