स्कूल जाने से बचने के लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव तैयार कर रहे बच्चे..
देश-विदेश: स्कूल जाने से बचने के लिए बच्चों का बहाना बनाना आम बात है, लेकिन ब्रिटेन के बच्चे जो कुछ कर रहे हैं वह बेहद चौंकाने वाला हैं। यहां नाबालिग अपनी फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, ताकि उन्हें स्कूल से छुट्टी मिल जाए। कुछ TikTok वीडियो में इसका खुलासा हुआ है। इन वीडियो में दिखाया गया है कि बच्चे अलग-अलग तरह के लिक्विड इस्तेमाल करके खुद को जबरन पॉजिटिव बता रहे हैं।
School को धोखा दे रहे बच्चे..
रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे कोरोना टेस्ट किट पर नींबू का रस या सिरका गिराकर रिपोर्ट पॉजीटिव बना रहे हैं, ताकि उन्हें स्कूल न जाने पड़े। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में बच्चे Rapid Diagnostic Test (RDT) के दौरान नींबू के जूस या दूसरे तरह के तरल पदार्थ का इस्तेमाल कर रहे हैं और अपनी COVID रिपोर्ट को पॉजिटिव बताकर स्कूल को धोखा दे रहे हैं।
लगातार Share किए जा रहे Video..
सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो #fakecovidtest के नाम से अपलोड किए जा रहे हैं. इसी नाम से एक TikTok अकाउंट भी मौजूद है, जिसके 20,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वीडियो में नजर आ रहा है कि ज्यादार छात्र नींबू जूस, ऐप्पल सॉस, कोका कोला, सिरका और हैंड सैनेटाइजर के जरिए रैपिड एंटीजेन टेस्ट कर रहे हैं। यह पूरी कवायद इसलिए कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आए और उन्हें स्कूल जाने से छुटकारा मिल सके।
एसोसिएशन ने Parents को किया आगाह..
एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स के जनरल सेक्रेट्री जिओफ बार्टन (Geoff Barton) ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इस काम में काफी कम छात्र शामिल हैं। हालांकि, हमने बच्चों के परिजनों से आग्रह किया है कि वो इस बात का ध्यान दें कि टेस्ट किट का बेवजह इस्तेमाल ना किया जाए. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘वैसे छात्र जो कैमिकल रिएक्शन्स में दिलचस्पी लेते हैं उन्हें हमने सलाह दी है कि ऐसा करने के लिए स्कूल की प्रयोगशाला सबसे बेहतर जगह है’।
TikTok ने दिया ये बयान
यूके की फैक्ट चेक संस्था ‘फुल फैक्ट’ ने कहा कि है कि फिजी ड्रिंक्स और साइट्रस फ्रूट्स अगर एंटिजेन टेस्ट किट पर इस्तेमाल किया जाए तो रिपोर्ट पॉजीटिव आती है। वहीं, इस पूरे मामले पर TikTok Spokesperson ने कहा कि हम अपने प्लेटफॉर्म से उन जानकारियों को हटा देते हैं, जो कोविड-19 को लेकर भ्रम फैलाती हैं। महामारी के आने के बाद से ही हम इस बात का ख्याल रखते हैं कि प्लेटफॉर्म पर कोरोना को लेकर किसी तरह की गलत जानकारियां ना दी जाएं।