उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर..

केदारनाथ विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर..

कई कांग्रेस व भाजपा नेता आम आदमी पार्टी में शामिल..

भाजपा प्रत्याशी मोदी के नाम पर मांग रहे हैं वोट..

कांग्रेस प्रत्यशी गांव-गांव में जाकर दे रहे हैं विधायक का ब्यौरा..

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा में चुनावी महासंग्राम दिन-प्रतिदिन रौचक होता जा रहा है। केदारनाथ विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों ने जहां पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत और आम आदमी पार्टी प्रत्यशी सुमंत तिवारी भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। खासकर भाजपा के लिये यह सीट जीतनी जरूरी हो गई है। अब हरेक कार्यकर्ता प्रत्याशी के दम पर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट देने की अपील कर रहे हैं।

केदारनाथ विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस को जीत पाने के लिये कई पापड़ बेलने होंगे। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। केदारनाथ विधानसभा में चुनावी मुकाबला अब किसी भी हाल में एकतरफा नहीं होगा। यहां राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। केदारनाथ विधानसभा में भाजपा की बात करे तो यहां भाजपा प्रत्याशी के दम पर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से केदारनाथ धाम में कराये गये कार्यों के आधार पर जनता से वोट देने की अपील कर रहे हैं।

 

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जनता के बीच जाकर अपनी विधायक निधि खर्च होने का ब्यौरा देते नजर आ रहे हैं। केदारनाथ विधानसभा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी हो गया है। सोशल मीडिया में सभी प्रत्याशियों पर तमाम तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। शिक्षा से लेकर प्रत्याशियों की ओर से पूर्व में किये गये कार्यों को लेकर भी खूब चर्चाएं चल रही हैं। इसके अलावा केदारनाथ विधानसभा में जोड़-तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी सहित निर्दलीय प्रत्याशी एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस कोशिश में आम आदमी पार्टी कामयाब भी हुई है।

 

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य सुमन नेगी, विनोद राणा, भाजपा से विधायक की दावेदारी कर रहे वीर सिंह बुडेरा व ऊखीमठ विकासखण्ड के कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल को अपनी ओर खींच लिया है। जिससे आप पार्टी को मजबूती मिली है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत भी भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कुलदीप रावत निर्दलीय चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे।

फिलहाल केदारघाटी पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगीन हो गई है। भाजपा किसी भी हाल में यहां सीट को जीतना चाहती है। सीधे-सीधे केदारनाथ विधानसभा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी लगाव है। ऐसे में भाजपा को यह सीट साख बचाने से जैसी लग रही है, लेकिन भाजपा की राह में कई प्रकार के रोड़े भी आ रहे हैं। वर्तमान में जो स्थिति है वह किसी के भी पक्ष में जा सकती है। यहां किसी भी प्रत्यशी को कम नहीं आंका जा सकता है।

 

 

 

 

 

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