बद्रीनाथ मास्टर प्लान पर हो पुनर्विचार..
उत्तराखंड – श्री बद्रीनाथ विनियमित क्षेत्र पुनरक्षित महायोजना 2025 को बिना जनसुनवाई के राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है इसका सीधा असर इस धाम के सहारे आजीविका चलाने वालों पर पड़ेगा।
बद्रीनाथ धाम के नए मास्टर प्लान निर्माण को लेकर तीर्थपुरोहितों ने पुनर्विचार किए जाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा, तीर्थपुरोहितों का कहना है भूमि भवन से बेदखल किए जाने से तीर्थ पुरोहितों सहित अन्य व्यवसायियों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा
धाम में मास्टर प्लान से विस्थापित होने वाले तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के पुनर्वास के बारे में स्पष्ट नहीं बताया गया है महायोजना लागू करने से पूर्व जन सुनवाई न कर सरकार यहां के भूमिधरों के अधिकारों का हनन कर रही है। तीर्थ पुरोहितों ने बद्रीनाथ धाम में महायोजना लागू करने से पूर्व सभी सवालों का निस्तारण किए जाने की मांग पीएम से की है
धाम की इतनी बड़ी महायोजना को अंजाम देकर यहां के पर्यावरण को भी खतरा पहुंचेगा। ज्ञापन देने वालों में चार धाम तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी संगठन अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल, श्री बद्रीश पंडा पंचायत के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गिरधर पंडित,श्याम लाल पंचपुरी, मुकेश प्रयागवाल, आदि शामिल थे.