चारधाम यात्रा- श्रद्धा की राह अब होगी ठहराव के साथ, 10 हजार यात्रियों के लिए यात्रा पड़ावों पर विश्राम ज़ोन तैयार..
उत्तराखंड: धामी सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए इस बार यात्रा में तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बार 10 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों के ठहरने के लिए अलग-अलग यात्रा मार्गों पर पड़ाव बनाए जाएंगे।यदि यात्रा के आरंभ में ही किसी धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) में अत्यधिक भीड़ हो जाती है, तो तीर्थ यात्रियों को इन पड़ावों पर रोका जाएगा।इन पड़ावों पर ठहरने, भोजन और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इसका उद्देश्य धामों पर अचानक भीड़भाड़ से बचना यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाना है। राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से यह एक सकारात्मक प्रयास है, जिससे यात्रा अधिक व्यवस्थित और नियंत्रित हो सकेगी।
पिछले वर्ष की असुविधाओं और अव्यवस्थाओं ने इस बार की तैयारियों की नींव रखी है। सरकार ने न केवल धामों पर भीड़ नियंत्रण की योजना बनाई है, बल्कि पूरे यात्रा मार्ग को एक डायनेमिक मैनेजमेंट ज़ोन में बदलने की दिशा में कदम उठाए हैं। बता दे कि 30 अप्रैल अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। जबकि 2 मई केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट दर्शन हेतु खुलेंगे। तीर्थयात्रियों की संख्या को पूर्व पंजीकरण और स्लॉट बुकिंग के जरिए नियंत्रित किया जा रहा है। यात्रा मार्गों पर रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जिससे जाम और भीड़ के हालात से समय रहते निपटा जा सके। अगर किसी धाम में अधिक भीड़ होती है, तो यात्रियों को रास्ते में बने विशेष विश्राम स्थलों (Transit Camps) में रोका जाएगा।
यात्रा के शुरुआती महीने में 10 लाख तीर्थ यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में धामों में दर्शन के लिए भीड़ बढ़ने तीर्थ यात्रियों को पड़ाव पर रुकने की व्यवस्था की जा रही है। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, उत्तरकाशी, श्रीनगर में होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस को चिन्हित किया जा रहा है। जहां पर तीर्थ यात्रियों को ठहराया जाएगा।
गढ़वाल आयुक्त ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इन ट्रांजिट कैंप्स या विश्राम स्थलों पर किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। हर जिले को अपनी ज़िम्मेदारी के अनुसार स्थानीय स्तर पर संसाधनों की उपलब्धता और समन्वय सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। यह पहल केवल एक सुविधा नहीं बल्कि एक नवीन सोच और संवेदनशील प्रशासन का परिचायक है। तीर्थयात्रियों को अब रास्ते में घंटों इंतजार या अव्यवस्था का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने भीड़ को स्मार्ट तरीके से विभाजित और नियंत्रित करने के लिए इस मॉडल को अपनाया है।
पड़ाव पर होंगी ये सुविधाएं..
चारधाम यात्रा मार्गों पर चिन्हित किए जा रहे पड़ाव पर महिला व पुरुष तीर्थ यात्रियों के लिए अलग-अलग ठहरने व शौचालय की व्यवस्था होगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही भोजन, पीने के पानी, सफाई, पंखा, कूलर, चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाएगी।
