देहरादून में कई घंटों से झमाझम बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ा..
मलारी हाईवे बुधवार को 12वें दिन भी बंद..
उत्तराखंड: प्रदेश में आज अधिकतर इलाकों में मौसम खराब है और बादल छाए हुए हैं। बुधवार की सुबह देहरादून में तड़के बारिश हुई। सुबह नौ बजे एक बार फिर झमाझम बारिश हुई और फिर बादल छा गए। सहस्रधारा में जलभराव की सूचना मिली। सूचना पाकर एसडीआरएफ की टीम राहत-बचाव के लिए रवाना हो गई। वहीं धूप और बादलों के बीच दोपहर बाद देहरादून में कई घंटे झमाझम बारिश हुई। जिससे लोग सहम गए।
ऋषिकेश में बीन नदी का जलस्तर बढ़ा..
मंगलवार की शाम से हो रही मूसलधार बारिश के कारण गंगा और उसकी सहायक नदियां बीन, चंद्रभागा, सोंग और हेंवल नदी उफान पर आ गई है। गंगा चेतावनी रेखा से नीचे बह रही है। चंद्रभागा और गंगा के तट पर बसी बस्तियां खतरे की जद में आ गई है। शासन की ओर से एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन दल को अलर्ट किया गया है। सभी जगह स्थिति अभी नियंत्रण में है। कुंजापुरी के समीप मुख्य मार्ग पर मलबा आने से बुधवार की सुबह चार बजे मार्ग अवरुद्ध हो गया। इसके चलते सभी वाहनों को मुनिकीरेती के भद्रकाली में रोक दिया गया। चार घंटे बाद मलबा हटाने के बाद जहां यातायात सामान्य हो पाया।
धरनारत प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मासिस्ट एलोपैथिक महासंघ का टेंट बहा..
सहस्त्रधारा रोड एकता विहार स्थित धरना स्थल पर मंगलवार रात को भारी मात्रा में पानी संग मलबा आने से वहां धरनारत प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मासिस्ट एलोपैथिक महासंघ का टेंट बह गया। इस दौरान चार-पांच प्रशिक्षित फार्मासिस्ट को करंट लग गया। जिन्हें देर रात दून अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बद्रीनाथ हाईवे कई जगह बंद..
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग देवप्रयाग से ऋषिकेश के बीच कई स्थानों में मलबा आने से अवरुद्ध पड़ा है। मंगलवार रात भर हुई तेज बारिश से हाईवे पर कई जगह मलबा आया है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग तोता घाटी और कौड़ियाला में मलबा आने से बीती रात से बंद है। बुधवार सुबह से पर्वतीय क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे में यातायात प्रभावित हुआ है। श्रीनगर रोड पर जाने वाले वाहनों को बाया टिहरी निकाला जा रहा था। केदारनाथ हाईवे पर यातायात सुचारू है।
भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे बुधवार को 12वें दिन भी सुचारू नहीं हो पाया है। अधिकारियों का कहना है कि हाईवे पर टनों मलबा और बोल्डर जमा है। इसे हटाने में अभी दो दिन और लग सकते हैं। वहीं, मौसम खराब होने के कारण नीती घाटी में हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। स्थानीय लोगों के साथ ही सेना के जवान पैदल रास्ते पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं।