उत्तराखंड

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का तबादला रोकने के लिए उठने लगी आवाज़ जन अधिकार मंच

जन अधिकार मंच ने छह माह तक ट्रांसफर रोकने की मांग की 

कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के समय तबादला करना उचित नहीं

रुद्रप्रयाग। जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के ट्रांसफर पर कम से कम छह माह तक रोक लगाने की मांग की है। मंच ने कहा कि पूरे प्रदेश में रुद्रप्रयाग जनपद कोरोना मुक्त है तो इसका श्रेय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की प्रशासनिक कार्य कुशलता को जाता है। कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के समय जिलाधिकारी श्री घिल्डियाल का ट्रांसफर होना रुद्रप्रयाग जनपद के लिए सुखद नहीं है।

जन अधिकार मंच के साथ ही अन्य सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के ट्रांसफर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी एवं महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कोरोना को देखते हुए कम से कम छह माह तक जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को रुद्रप्रयाग जनपद में ही रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले में आपदा के पुनर्निर्माण और केदारनाथ यात्रा के संचालन की कठिन चुनौतियों से पार पाने की जिम्मेदारी जिस रचनात्मकता और कौशल के साथ उन्होंने निभाई, वह अपने आप में अलग है। उन्हें छह माह के लिए और जिम्मेदारी मिलती है तो केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य के साथ ही अन्य विकास कार्यों में भी तेजी आएगी।

वरिष्ठ पत्रकार और जन अधिकार मंच के संस्थापक सदस्य रमेश पहाड़ी, एडवोकेट केपी ढोंडियाल, कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, सह कोषाध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी, देवेंद्र चमोली, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट, विधि सलाहकार प्यार सिंह नेगी, सचिव कालीचरण रावत, उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नेगी, तरुण पंवार, अजय पुंडीर, अजय आनंद नेगी, सचिव रमेश नौटियाल, मगनानंद भट्ट, अजय भंडारी ने कहा कि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के नेतृत्व में जनपद रुद्रप्रयाग ने पिछले तीन साल में विकास के कई आयाम छुए हैं।

जिलाधिकारी की कुशल प्रशासनिक क्षमता का लाभ जनपदवासियों को मिला है। जिलाधिकारी को गत वर्ष का मुख्यमन्त्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उन्हें भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा ई-गवर्नेन्स में उत्कृष्ट कार्यों के लिये हिमालयी राज्यों में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित करने हेतु चुना गया है। उनकी इन उपलब्धियों को देखते हुुुए सरकार को उनके ट्रांसफर पर पुनर्विचार करना चाहिए। मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि टिहरी में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने उनका ट्रांसफर किया हो। लेकिन यह उचित नहीं है। रुद्रप्रयाग जनपद अभी तक कोरोना मुक्त था तो इसका श्रेय जिलाधिकारी को ही जाता है।

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