अतिक्रमण प्रकरण में राजस्व उपनिरीक्षक दयालु लाल तत्काल प्रभाव से निलंबित
रुद्रप्रयाग। चोपता, बनियाकुण्ड प्रकरण में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने राजस्व उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किये हैं। इस प्रकरण के संबंध में जांच आख्या में उपजिलाधिकारी ऊखीमठ ने बताया कि चोपता, बनियाकुण्ड एवं दुगलविटा में वन पंचायत मक्कू क्षेत्र में सम्पूर्ण अतिक्रमण वाली भूमि वन पंचायत मक्कू एवं उषाडा के अन्र्तगत है। मौके पर किसी भी अतिक्रमणकर्ता द्वारा भवन, दुकान एवं टेंट लगाए जाने की अनुमति से संबधित कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गये हैं। उक्त स्थान रुद्रप्रयाग वन प्रभाग, रुद्रप्रयाग की अगस्तमुनि एवं केदारनाथ वनजीव प्रभाग गोपेश्वर की ऊखीमठ रेंज गुप्तकाशी के नियंत्रणाधीन है, जिसमें वन विभाग के कार्मिकों द्वारा भी अतिक्रमण पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की गयी। उपजिलाधिकारी ऊखीमठ द्वारा अपनी आख्या में यह भी उल्लेख किया गया है कि अतिक्रमण के संबध में राजस्व उपनिरीक्षक दैडा को बार-बार लिखित एवं मौखिक निर्देश दिये गये, लेकिन राजस्व उपनिरीक्षक दैडा द्वारा इस संबध में प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी।
उपजिलाघिकारी ऊखीमठ द्वारा प्रस्तुत आख्या के आधार पर दयालु लाल राजस्व उपनिरीक्षक परकण्डी अतिरिक्त प्रभार दैडा तहसीलदार ऊखीमठ को स्थान पौथीबासा, बनियाकुण्ड, दुगलबिटटा व चोपता में हुए अवैध अतिक्रमण एवं निर्माणों में बरती गयी लापरवाही के संबध में तात्कालिक प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन की अवधि में दयालु लाल राजस्व उपनिरीक्षक परकण्डी अतिरिक्त प्रभार दैडा, तहसील ऊखीमठ को वित्तीय नियम सग्रंह खण्ड-2, भाग 2 से 4 के मूल नियम-53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अद्र्ववेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, लेकिन ऐसे कर्मचारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नही होगा, जिन्हें निलंबन से पूर्व या प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपान्तिक समायोजन प्रात नहीं।
उपरोक्त प्रस्तर में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा, जब निलंम्बित राजस्व उपनिरीक्षक दयाल लालु इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगें कि वह किसी अन्य सेवायोजन व्यापार वृत्ति व्यवसाय में नही लगे हंै। उपरोक्त निलंम्बन की कार्यवाही में उपजिलाधिकारी जखोली को जाँच अधिकारी नियुक्त गया है और जाँच अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि कि वे 15 दिन के अन्दर अपचारी कर्मचारी के विरूद्व आरोप पत्र तैयार कर अधोहस्ताक्षरी के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करते हुये एक माह के अन्दर जाँच आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगें। निलंम्बन की अवधि में दयालु लाल राजस्व उपनिरीक्षक उपजिलाधिकारी जखोली के कार्यालय में सम्बद्व रहेंगें।