दो करोड़ दस लाख की लागत से बिछेगा डामर, ग्रामीणों को मिलेगी सहूलियत
जिला पंचायत सदस्य ने जताया सरकार का आभार
रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के अन्तर्गत माई की मंडी-जवाड़ी तीन किमी मोटरमार्ग के लिए शासन स्तर से दो करोड़ दस लाख की स्वीकृति मिली गई है। जहां अब क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का जिला मुख्यालय का सफर आसान होगा, वहीं ऊबड-खाबड मोटरमार्ग से भी वाहन स्वामियों को निजात मिलेगी। ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद पिछले वर्ष फरवरी माह में लोनिवि रुद्रप्रयाग के तहत माई की मंडी-जवाड़ी मोटरमार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो पाया था। फिलहाल, मोटरमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई थी, लेकिन मोटरमार्ग पर जगह-जगह ऊबड खाबड होने से वाहन चालकों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही थी। जिसके बाद विभाग की ओर से मोटरमार्ग के लिए तीन किमी मोटरमार्ग पर डामरीकरण के लिए दो करोड़ दस लाख का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। जिसे शासन स्तर पर बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। विभाग की ओर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
विभाग की ओर से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद शीघ्र मोटरमार्ग पर डामरीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मोटरमार्ग पर डामरीकरण होने से भरदार के जवाडी, दरमोला, स्वीली, सेम, डुंग्री, रौठिया, कफना, गवाणा, डुंग्रा, सेमलता, थापली समेत कई दर्जनों गांवों को जिला मुख्यालय में आसानी होगी। साथ ही वाहन स्वामियों को ऊबड-खाबड मोटरमार्ग से निजात भी मिलेगी। अब क्षेत्र के ग्रामीणों को रतनपुर-स्वीली-चैरास मोटरमार्ग से तीस से 35 किमी घूमकर जिला मुख्यालय नहीं पहुंचना पड़ेगा। लोनिवि के ईई इन्द्रजीत बोस ने बताया कि माई की मंडी-जवाडी तीन किमी मोटरमार्ग के डामरीकरण लिए शासन से 2 करोड़ 10 लाख की स्वीकृति मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया के बाद समस्त औपचारिताएं पूर्ण करने के बाद शीघ्र मोटरमार्ग पर डामरीकरण का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वहीं क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आशा डिमरी ने डामर के लिए धनराशि स्वीकृत होने पर सरकार का आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि तीन किमी मोटरमार्ग निर्माण के लिए काफी संघर्ष किया गया। संघर्ष की बदौलत ही मोटरमार्ग निर्माण की स्वीकृति मिली और कार्य तेजी से किया गया। अब मोटरमार्ग पर डामर के लिए धनराशि भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता को साथ लेकर क्षेत्र में विकास कार्य किये जा रहे हैं।