उत्तराखंड

पोस्टरों के जरिए दिया क्षय उन्मूलन का संदेश..

पोस्टरों के जरिए दिया क्षय उन्मूलन का संदेश..

विश्व टीबी दिवस पर चार महावद्यालयों में हुई पोस्टर स्पर्धा..

पोस्टर स्पर्धा में निधि, संजना, दीक्षा व आयूषी रहीं अव्वल..

समुदाय स्तर पर गोष्ठियों का किया आयोजन..

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में हुए विभिन्न कार्यक्रम..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में विश्व क्षय दिवस पर टीबी को हराने के लिए जनपद में चार महाविद्यालयों सहित समुदाय स्तर पर पोस्टर स्पर्धा, संगोष्ठी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर क्षय उन्मूलन के प्रति जागरूकता की अपील की गई। इस अवसर पर महाविद्यालय स्तरीय पोस्टर प्रतियोगिता में निधि, संजना, दीक्षा व आयूषी अपने-अपने महाविद्यालय में अव्वल रहीं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके शुक्ला के निर्देशन में जनपद में विश्व टीबी दिवस के तहत उच्च शैक्षणिक संस्थानों के साथ समुदाय स्तर पर इंवेस्ट टू इंड टीबी, सेब लाइब्स थीम पर क्षय उन्मूलन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम किए गए। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में निधि रावत, गौरव सिंह, विवेक पंवार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी में आयोजित पोस्टर स्पर्धा में संजना राणा ने प्रथम, पिकी नेगी ने द्वितीय व अंजलि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। राजकीय महाविद्यालय जखोली में दीक्षा बड़ोनी ने प्रथम, हिमानी ने द्वितीय व अंबुज कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

 

राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में आयूषी ने प्रथम, सानू ने दूसरा व प्राची ने तीसरा स्थान हासिल किया। कार्यक्रमों में क्षय रोग से प्रभावित होने वाले शारीरिक, सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर चर्चा की गई। डॉ हेमा असवाल व डीपीसी मुकेश बगवाड़ी ने दो सप्ताह से अधिक खांसी बुखार आने पर संबंधित व्यक्ति से निकटवर्ती चिकित्सालय से संपर्क करने की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार नियमित रूप से निर्धारित समय तक किया जाना जरूरी है। टीबी का इलाज कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, टीबी का इलाज बीच में छोड़ने पर टीबी का खतरनाथ रूप ड्रग रेजिस्टेंस टीबी हो सकती है, नियमित उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। बताया कि पंजीकृत टीबी रोगी को नियमिति रूप से दवाई खाने पर प्रत्येक माह पोषाहार भत्ता के रूप में उपचार अवधि तक पांच सौ रूपए दिया जाता है। साथ ही क्षय रोगी को दवा खिलाने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी एक हजार एवं पांच हजार रूपए दिया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सामुदायिक स्तर पर सीएचओ के माध्यम से भी संगोष्ठियों का आयोजन कर ग्रामीणों को क्षय उन्मूलन को लेकर जागरूक किया गया। कार्यक्रमों में प्रो पुष्पा नेगी, डॉ जितेंद्र, डॉ निधि छावड़ा, डॉ अंजना फरस्वाण, सीएचओ शिखा रतूड़ी, काउंसलर आरकेएसके विपिन सेमवाल, डीईओ एनटीईपी सतीश नौटियाल आदि मौजूद रहे।

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top